हाई यूरिक एसिड के मरीजों को लो प्यूरीन वाले फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। यूरिक एसिड से परेशान को दिन में भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। विटामिन सी युक्त चीजें खून में यूरिक एसिड के स्तर को कम करते हैं, जिससे गाउट का खतरा भी कम हो जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने के तीन मुख्य कारण हैं, धूम्रपान, शराब और लंबे समय तक बैठे रहना।

यूरिक एसिड शरीर के लिए किसी वेस्ट प्रोडक्ट से कम नहीं है, इसी कारण किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद यह शरीर से फ्लश आउट हो जाता है। दरअसल शरीर में प्यूरिन के टूटने से यूरिक एसिड बनने लगता है।

यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर को कम करने में अजवाइन भी बहुत कारगर है। हाई यूरिक एसिड की समस्या होने पर रोजाना सुबह खाली पेट अजवाइन का पानी बनाकर पीना चाहिए। अजवाइन में पाए जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकता है। यूरिक एसिड के मरीजों के लिए अजवाइन का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं यूरिक एसिड के मरीज अजवाइन को कब करें डाइट में शामिल-

अर्थराइटिस: अजवाइन में एंटीबायोटिक गुण होता है जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा एनेस्थेटिक इफेक्ट भी होता है जो अर्थराइटिस के मरीजों को दर्द से राहत दिलाता है। अजवाइन के पेस्ट को जोड़ों पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है।

कैसे करें इस्तेमाल: हाई यूरिक एसिड की समस्या होने पर रोजाना सुबह खाली पेट अजवाइन का पानी बनाकर पीना चाहिए। इसके लिए आप सबसे पहले रात को अजवाइन भिगोकर छोड़ दें। फिर सुबह उसे छान लें और फिर पिएं। इसके अलावा अजवाइन के साथ अदरक मिलाकर खाने से भी यूरिक एसिड कंट्रोल होता है। अजवाइन और अदरक आपके अंदर के पसीने को बाहर निकालता है जो यूरिक एसिड कंट्रोल करने में मदद करता है। अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण दर्द और सूजन से राहत दिलाता है।

अन्य स्वास्थ्य लाभ: अजवाइन में थाइमोल नामक कंपाउंड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पेट से जुड़ी समस्या (डायरिया से राहत दिलाने और कब्ज, दस्त जैसी समस्या) को दूर करने में मदद करता है। अर्थराइटिस (गठिया) और जोड़ों में दर्द से निजात दिलाने, अस्थमा जैसे श्वसन तंत्र की समस्या से राहत दिलाने में भी अजवाइन के लाभ दिखाई दे सकते हैं। इससे अस्थमा की समस्या से कुछ राहत मिल सकती है।