Green Moong Benefits: दिन की शुरुआत एक हेल्दी और शानदार नाश्ते के साथ हो तो दिन और दिल दोनों खुश रहते हैं। इसके अलावा दिनभर शरीर भी एक्टिव रहता है। स्वास्थ्य के लिए नाश्ता दिन के सबसे महत्वपूर्ण भोजन में से एक है, क्योंकि यह पूरे दिन के लिए शरीर में आवश्यक ऊर्जा, पोषण और पर्याप्त एनर्जी प्रदान करता है। इसके साथ ही हेल्दी नाश्ता कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी कम करने में मददगार साबित होता है। सुबह-सुबह हरी मूंग दाल (Green Dal Ke Fayde) खाने से एनीमिया समेत कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि हरी मूंग दाल खाने के और क्या फायदे होते हैं।
नाश्ते में हरी मूंग दाल खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में आयरन, प्रोटीन और फाइबर मिलता है। हरी दाल आयरन की कमी को दूर करने, पाचन संबंधी समस्याओं से निपटने और कैंसर जैसी घातक बीमारियों के खतरे को कम करने में बहुत फायदेमंद होती है।
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एनीमिया में फायदेमंद
हरी मूंग दाल में आयरन भरपूर मात्रा में होता है। आयरन की कमी से थकान बहुत जल्दी हो जाती है। खाने में पर्याप्त आयरन न मिलने से शरीर की एक्टिवनेस प्रभावित हो सकती है और दालें पर्याप्त मात्रा में नॉनहेम आयरन प्रदान करती हैं। इसके अलावा इस दाल को एनीमिया के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। रोज एक कटोरी भर दाल खाने से लाल रक्त कोशिकाओं के पुनर्जनन में मदद मिलती है और एनीमिया से राहत मिलती है, जो जानलेवा हो सकता है।
हार्ट के लाभकारी
हरी दालों में फाइबर और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो हार्ट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, फाइबर का अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है, जिससे हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी बीमारियों की घटनाएं कम होती हैं। इसके अलावा अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि दालों में मौजूद पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम स्वाभाविक रूप से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) के स्तर को कम करते हैं।
कैंसर को रोकने में लाभदायक
हरी दाल में सेलेनियम भरपूर मात्रा में होता है, जो ट्यूमर के विकास की दर को कम करता है और शरीर में संक्रमण के प्रति आपकी प्रतिक्रिया को बेहतर बनाता है। डॉक्टरों का कहना है कि टी कोशिकाएं सेलेनियम की मदद से घातक बीमारी को मारती हैं जो कोलोरेक्टल, प्रोस्टेट, फेफड़े, मूत्राशय, त्वचा, एसोफैजियल और कैंसर की दरों को कम करती है। इसके अलावा दालों में हाई फाइबर होने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा कम होता है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।