सर्दी में मीठा खाने का मन बहुत ज्यादा करता है। ये शुगर क्रेविंग सिर्फ स्वाद के लिए नहीं होती बल्कि कई बार ये शरीर का संकेत होती है कि उसे एनर्जी, इमोशनल कंफर्ट या हाइड्रेशन की जरूरत है। कभी दिमाग फील गुड केमिकल डोपामिन की मांग करता है और कभी मीठा खाने की आदत ही क्रेविंग की वजह बन जाती है। यही कारण है कि बहुत से लोग जानते हुए भी मीठे से खुद को रोक नहीं पाते।

मीठा से मतलब सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि वे सभी चीजें हैं जिनमें चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होती हैं। इसमें मिठाइयां, चीनी, शुगर वाले ड्रिंक्स, मीठी चाय-कॉफी और सर्दियों में रोज-रोज खाने का मन करने वाले डेज़र्ट शामिल हैं। इन फूड्स में मौजूद कार्बोहाइड्रेट शरीर में तेजी से एनर्जी तो देते हैं, लेकिन अगर इन्हें रोजाना और जरूरत से ज्यादा लिया जाए, तो यही कार्ब्स फैट में बदलकर वजन बढ़ाने का कारण बन जाते हैं। यही वजह है कि सर्दियों में मीठा ज्यादा खाने से वजन तेजी से बढ़ने लगता है।

भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र (Hansa Yogendra) के मुताबिक शुगर क्रेविंग से लड़ने के लिए सिर्फ विल पावर काफी नहीं होती, शरीर और मन को सही सपोर्ट देना भी जरूरी है। यह सपोर्ट कुछ सिंपल हर्बल ड्रिंक्स से भी मिल सकती है। कुछ ऐसे हर्बल ड्रिंक हैं जिनका सेवन करने से सर्दी में वजन बढ़ने का कोई खतरा नहीं रहता, मीठा खाने की क्रेविंग कंट्रोल रहती है और वजन बढ़ता नहीं बल्कि घटता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से हर्बल ड्रिंक हैं जिनका सेवन करने से सर्दी में मीठा खाने की क्रेविंग कंट्रोल रहती है और वजन भी कम रहता है।

सैफरन रोज वॉर्म मिल्क

यह एक सुकून देने वाला ड्रिंक है जो केसर, गुलाब और हल्के गर्म दूध से बनता है। आप लो-फैट दूध या आलमंड मिल्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। दूध को हल्का गर्म करें, उसमें 2–3 केसर के धागे और कुछ सूखे गुलाब की पंखुड़ियां या गुलाब जल की एक बूंद डालें। 5 मिनट तक इंफ्यूज होने दें और फिर धीरे-धीरे सिप करें। केसर मूड को स्टेबल करने वाले केमिकल्स को बैलेंस करने में मदद करता है, जिससे इमोशनल क्रेविंग कम होती है। गुलाब की खुशबू और स्वाद बिना चीनी के ही मीठा एहसास देता है। वहीं दूध का कैसिन प्रोटीन पेट को देर तक भरा रखता है, जिससे बेवजह स्नैकिंग कम होती है। यह ड्रिंक खासतौर पर शाम या डिनर के बाद मीठा खाने की इच्छा होने पर फायदेमंद है। सर्दी में इस ड्रिंक को पिएं तो मीठा खाने की क्रेविंग कंट्रोल होगी और वजन भी नहीं बढ़ेगा।

मेथी और दालचीनी का हर्बल वाटर

यह ड्रिंक उन लोगों के लिए बेहतर है जिन्हें दिन में एनर्जी क्रैश या ब्लड शुगर स्पाइक महसूस होता है। एक कप में एक चम्मच मेथी के दाने और आधा चम्मच दालचीनी पाउडर डालें। ऊपर से गर्म पानी डालकर 10 मिनट तक ढक कर रखें। छानकर गर्म-गर्म पिएं। स्वाद के लिए नींबू की कुछ बूंदें भी डाल सकते हैं। मेथी में मौजूद सॉल्युबल फाइबर कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करता है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता। यह इंसुलिन की एफिशिएंसी सुधारने और भूख कम करने में मदद करती है। दालचीनी इंसुलिन रिस्पॉन्स को बेहतर बनाती है और इसकी हल्की मीठी खुशबू जीभ को संतुष्टि का एहसास देती है।

इन ड्रिंक का सेवन कब करें?

क्रेविंग बहुत ज्यादा बढ़ने से पहले इन ड्रिंक्स को लेना ज्यादा असरदार होता है। मिड-मॉर्निंग और मिड दोपहर का समय इन ड्रिंक को पीने का सबसे बेहतर समय है, खासकर जब एनर्जी कम महसूस होती है। यह ड्रिंक मील्स के बाद भी फायदेमंद है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिन्हें खाना खाने के बाद कुछ मीठा चाहिए होता है।

लाइफस्टाइल सपोर्ट भी जरूरी

  • अक्सर प्यास को लोग भूख या शुगर क्रेविंग समझ लेते हैं, इसलिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। इसके साथ योग और माइंडफुलनेस भी अहम भूमिका निभाते हैं।
  • भ्रामरी प्राणायाम बेचैनी कम करता है और बेहतर फैसले लेने में मदद करता है। योगेंद्र अर्ध मत्स्यासन, योगेंद्र मत्स्यासन और योगेंद्र पवनमुक्तासन जैसे आसन पाचन और मेटाबॉलिज्म सुधारते हैं।
  • धीरे-धीरे खाना, अच्छी तरह चबाना और खाते समय स्क्रीन से दूर रहना भी क्रेविंग को कम करता है।
  • अच्छी नींद लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि कम नींद से भूख बढ़ाने वाला हार्मोन घ्रेलिन बढ़ जाता है, जिससे अगले दिन मीठा खाने की इच्छा ज्यादा होती है।
  • शुगर क्रेविंग कम करने का मतलब चीनी को एकदम छोड़ देना नहीं है, बल्कि शरीर को धीरे-धीरे बैलेंस की ओर ट्रेन करना है। जब शरीर संतुलित और मन शांत होता है, तो मीठे की चाह अपने आप कम होने लगती है। आज से ही एक कप अपनी पसंद का हर्बल ड्रिंक बनाइए और उसका सेवन करें।

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