आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी, बढ़ती जिम्मेदारियां और लगातार गैजेट्स का इस्तेमाल हमारे दिमाग पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा है। काम का तनाव, नींद की कमी और स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से ब्रेन को पूरा आराम नहीं मिल पाता। इसका सीधा असर याददाश्त, एकाग्रता और मानसिक संतुलन पर पड़ता है। धीरे-धीरे चीजें भूलना, फोकस कम होना और चिड़चिड़ापन बढ़ना आम समस्या बनती जा रही है। दिमागी सेहत को बेहतर रखने के लिए पर्याप्त नींद, संतुलित आहार, नियमित एक्सरसाइज और डिजिटल डिटॉक्स जरूरी है। मेडिटेशन और माइंडफुलनेस जैसी आदतें भी ब्रेन हेल्थ को मजबूत बनाने में मदद करती हैं।

कुछ फूड्स ब्रेन को बूस्ट करने में दवा का काम करते हैं। उन्ही में से एक है किचन में मौजूद नारियल तेल, जो ब्रेन के लिए दवा साबित होता है। आयुर्वेद में इस तेल को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसके सेहत के लिए फायदे पहले से ही माने जाते रहे हैं, लेकिन अब ये एक नए और चौंकाने वाले कारण से वैज्ञानिकों का ध्यान खींच रहा है वो है ब्रेन हेल्थ।

नारियल के सफेद गूदे को दबाकर निकाला गया तेल मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स (MCTs) से भरपूर होता है। ये MCTs शरीर में जल्दी ऊर्जा में बदल जाते हैं और तब दिमाग को ऊर्जा देने में मदद करते हैं, जब ग्लूकोज का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में नारियल तेल ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। Journal of Alzheimer’s Disease में प्रकाशित शोध के अनुसार, ये कीटोन्स मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का एक वैकल्पिक स्रोत (Alternative Fuel) बनते हैं, जिससे मरती हुई कोशिकाएं फिर से सक्रिय होने लगती हैं।

खासतौर पर आज के समय में, जब डिजिटल डिवाइसेज़ पर बढ़ती निर्भरता के कारण बड़ी आबादी याददाश्त, फोकस और मानसिक थकान जैसी समस्याओं से जूझ रही है, नारियल तेल दिमाग को सपोर्ट देने में सहायक माना जाता है। आइए जानते हैं कि नारियल तेल कैसे ब्रेन हेल्थ में सुधार करता है।

सुबह नारियल तेल कैसे ब्रेन हेल्थ में करता है सुधार

सुबह उठते ही सुस्ती और मानसिक थकान महसूस करते हैं तो सुबह नारियल तेल का सेवन करें। ये तेल याददाश्त बेहतर करता है और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली मानसिक गिरावट से बचाव करता है। नारियल तेल में MCT (Medium Chain Triglycerides) होता है। रिसर्च बताती है कि हमारा लिवर इन MCTs को ‘कीटोन्स’ (Ketones) में बदल देता है। कीटोन्स दिमाग के लिए ऊर्जा का एक वैकल्पिक स्रोत हैं, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं जिनके ब्रेन सेल्स ग्लूकोज का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

सुबह सीमित मात्रा में वर्जिन नारियल तेल का सेवन ब्रेन हेल्थ में सुधार कर सकता है, हालांकि इसके क्लिनिकल प्रमाण अभी सीमित हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि वर्जिन नारियल तेल ने अल्ज़ाइमर रोग के एनिमल मॉडल्स में संज्ञानात्मक समस्याओं में सुधार किया। इससे संकेत मिलता है कि केटोन बॉडीज़ न्यूरॉन्स को ऊर्जा देने में मदद कर सकता हैं। National Journal of Physiology, Pharmacy and Pharmacology में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, कोल्ड-प्रेस्ड नारियल तेल अल्ज़ाइमर के मरीजों में संज्ञानात्मक क्षमता और व्यवहार में सुधार कर सकता है, खासकर उन मरीजों में जो पहले से स्टैंडर्ड दवाओं पर स्थिर हैं। किसी भी न्यूरोलॉजिकल बीमारी की स्थिति में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई उपाय न अपनाएं। अल्ज़ाइमर पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए उपचार मौजूद हैं।

MCTs और याददाश्त में उनकी भूमिका

हालिया शोध बताते हैं कि नारियल तेल से मिलने वाले MCTs एक जैविक प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं, जिसमें नर्व सेल्स (न्यूरॉन्स) छोटी-छोटी शाखाएं बनाते हैं, जिन्हें न्यूराइटिस कहा जाता है। आगे चलकर यही न्यूराइटिस एक्सॉन्स और डेंड्राइट्स में विकसित होते हैं, जो सिग्नल भेजने और प्राप्त करने का काम करते हैं। ये प्रक्रिया ब्रेन डेवलपमेंट, सीखने की क्षमता, याददाश्त और चोट के बाद ब्रेन रिपेयर के लिए बेहद ज़रूरी होती है। इसे न्यू राइट आउटग्रोथ कहा जाता है। यह प्रक्रिया गट-ब्रेन होमियोस्टैसिस को बनाए रखने में भी मदद करती है, यानी शरीर के अंदर संतुलन बनाए रखना। यही वजह है कि नारियल तेल को संपूर्ण ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है।

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