खराब डाइट धीरे-धीरे शरीर को बीमारियों का घर बना देती है। कुदरत ने हर मौसम के हिसाब से ऐसे फल, सब्जियां और अनाज दिए हैं जो न सिर्फ शरीर की ज़रूरतों को पूरा करते हैं, बल्कि इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाते हैं। दरअसल मौसम बदलने के साथ शरीर की पोषण संबंधी जरूरतें भी बदलती हैं और अगर हम उसी मौसम के अनुसार खान-पान रखें, तो शरीर खुद को बेहतर तरीके से संतुलित कर पाता है।
सर्दियों के मौसम में शरीर को ज्यादा ऊर्जा, गर्माहट और मजबूत पाचन की जरूरत होती है। यही वजह है कि इस मौसम में बाजरे की रोटी को सेहत के लिए खास माना जाता है। बाजरा एक गर्म तासीर वाला अनाज है, जो शरीर को अंदर से गर्म रखता है और ठंड से होने वाली परेशानियों से बचाने में मदद करता है। गेहूं की तुलना में बाजरा फाइबर, आयरन और मिनरल्स से भरपूर होता है, जिससे पाचन बेहतर रहता है और कब्ज जैसी समस्याएं कम होती हैं।
इसके अलावा सर्दियों में बाजरे की रोटी खाने से लंबे समय तक ऊर्जा बनी रहती है, बार-बार भूख नहीं लगती और शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। यही कारण है कि सर्द मौसम में गेहूं के बजाय बाजरे की रोटी को डाइट में शामिल करना सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, बशर्ते इसे संतुलित मात्रा में और सब्जियों व दाल के साथ खाया जाए। वेट लॉस एक्सपर्ट और स्वस्थ अंस कम्युनिटी के फाउंडर डॉ. इंद्रमोहन खंडेलवाल ने बताया बाजरे की रोटी न सिर्फ पोषण से भरपूर है बल्कि कई गंभीर बीमारियों से बचाव में भी मदद करती है।
एक्सपर्ट ने बताया बाजरा एक ऐसा अनाज है जो शरीर को संपूर्ण पोषण देता है और लंबे समय तक ऊर्जा देता है। सही तरीके से बाजरे को डाइट में शामिल करने से मोटापा, डायबिटीज और पाचन से जुड़ी समस्याओं में काफी सुधार देखा गया है। आइए जानते हैं कि बाजरा की रोटी वजन कम करने से लेकर डायबिटीज को कंट्रोल करने में कैसे असरदार साबित होती है।
बाजरे की रोटी के पोषक तत्व
बाजरे की रोटी पोषण का पावर हाउस है। इसमें अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट पाए जाते हैं। 100 ग्राम बाजरे से शरीर को भरपूर कैलोरी मिलती है, जो धीरे-धीरे रिलीज होती है और पूरे दिन एनर्जी बनाए रखती है।
बाजरा की रोटी कैसे वजन को कंट्रोल करती है?
एक्सपर्ट के मुताबिक बाजरे की रोटी खाने से देर तक भूख नहीं लगती, जिससे बार-बार स्नैकिंग से बचाव होता है। इसमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर मेटाबॉलिज्म को तेज करते हैं और फैट बर्निंग में मदद करते हैं। सर्दी में गेहूं की रोटी का ज्यादा सेवन आपकी भूख को शांत करता है लेकिन ज्यादा अनाज आपका वेट बढ़ा देता है। अगर आप वजन कम करने के लिए बाजरा की रोटी खाएं तो आपको फायदा होगा।
पाचन होता है दुरुस्त
बाजरा की रोटी का सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। बाजरे में मौजूद सॉल्युबल और इनसोल्युबल फाइबर आंतों की सफाई करता है, कब्ज से राहत दिलाता है और गट बैक्टीरिया को हेल्दी बनाता है। यह प्रीबायोटिक की तरह काम करता है, जिससे डाइजेशन बेहतर होता है।
दिल रहता है हेल्दी
बाजरा की रोटी का सेवन करने से दिल हेल्दी रहता है। बाजरे की रोटी में मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। साथ ही ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम कर दिल की बीमारियों के खतरे को घटाते हैं। सर्दी में आप दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं तो बाजरा की रोटी खाएं।
डायबिटीज कंट्रोल करने में है असरदार
बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाता है। इसमें मौजूद फाइबर शुगर स्पाइक्स को रोकने में मदद करता है, इसलिए डायबिटीज मरीजों के लिए बाजरे की रोटी एक बेहतर विकल्प मानी जाती है।
हड्डियों और दांतों के लिए भी है उपयोगी
हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में बाजरे की रोटी असरदार साबित होती है। बाजरे में फास्फोरस और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता हैं, जो हड्डियों की मजबूती और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव में सहायक हैं।
दिमाग और हार्मोन बैलेंस करती है
मानसिक हेल्थ में सुधार करने और हार्मोन बैलेंस के लिए बाजरा की रोटी बेहद फायदेमंद है। एक्सपर्ट के अनुसार, बाजरे में मौजूद ओमेगा फैटी एसिड और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन दिमाग की सेहत को बेहतर बनाते हैं। यह याददाश्त मजबूत करने और हार्मोनल असंतुलन, खासकर महिलाओं में PCOS जैसी समस्याओं में भी मददगार हो सकता है।
निष्कर्ष
डॉ. इंद्रमोहन खंडेलवाल के अनुसार अगर बाजरे की रोटी को सही मात्रा और सही तरीके से डाइट में शामिल किया जाए, तो यह शरीर को अंदर से मजबूत बनाती है। यह न सिर्फ एक पारंपरिक अनाज है बल्कि आधुनिक जीवनशैली की कई बीमारियों का प्राकृतिक समाधान भी है।
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