Health Tips: मुंह में छाले होने के कई कारण हो सकते हैं। यह खाद्य संवेदनशीलता, पोषक तत्वों की कमी या आपके मुंह में कुछ जीवाणुओं से एलर्जी का परिणाम हो सकता है। हालांकि, अगर ये लक्षण बने रहते हैं तो सतर्क हो जाएं। क्‍योंकि ये मुंह के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

मुंह का कैंसर क्या है?

मुंह का कैंसर तब होता है जब होंठ या मुंह की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बदल जाती हैं या बढ़ जाती हैं। मेयो क्लिनिक के अनुसार, कैंसर पतली कोशिकाओं में शुरू होता है जो आपके होठों और आपके मुंह के अंदर की रेखा बनाते हैं। इन्हें स्क्वैमस सेल कहा जाता है और स्क्वैमस सेल के डीएनए में छोटे-छोटे बदलावों के कारण कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। ऐसे लक्षणों से मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

पूरा मुंह का क्षेत्र प्रभावित हो सकता है

यूके नेशनल हेल्थ सर्विसेज (NHS) के अनुसार, मुंह का कैंसर एक ट्यूमर है जो जीभ, मुंह, होंठ या मसूड़ों की सतह पर विकसित होता है। यह लार ग्रंथियों, टॉन्सिल और ग्रसनी में भी हो सकता है। आपके मुंह के क्षेत्र से लेकर आपके श्वासनली तक, मुंह के ये क्षेत्र अधिक तेज़ी से लक्षण दिखा सकते हैं।

मुंह के कैंसर के महत्वपूर्ण लक्षण

  • दर्दनाक घाव जो हफ्तों में ठीक नहीं होते
  • ढीले दांत या सॉकेट जो निकालने के बाद ठीक नहीं होते
  • लगातार मुंह में सुन्नता महसूस होना
  • बहुत कम ही मुंह या जीभ पर सफेद या लाल धब्बे दिखाई देना

आपको डॉक्टर के पास क्यों जाना चाहिए?

मुंह के कैंसर के लक्षणों को अक्सर अन्य, कम गंभीर या मामूली स्थितियों जैसे दांतों में दर्द या मुंह के छाले के लिए गलत समझा जा सकता है। डॉक्टर से परामर्श करना और लक्षणों की जांच करना हमेशा बेहतर होता है। एनएचएस के अनुसार, इसके शीघ्र पहचान कर जीवित रहने की संभावना को 50% से 90% तक बढ़ा सकता है।

अपने जोखिम को कैसे कम करें?

मेयो क्लिनिक तम्बाकू का उपयोग छोड़ने की सिफारिश करता है, चाहे वह धूम्रपान के रूप में लिया जा रहा हो या फिर चबाया जा रहा हो। इसके साथ ही शराब की खपत को सीमित कर दिया जाना चाहिए। होठों पर अत्यधिक धूप के संपर्क में आने से बचें। साथ ही नियमित डेंटल चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाना जरूरी है।