जोड़ों में दर्द होना,हड्डियों में सूजन आना, चलने-फिरने में परेशानी होना यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं। यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन हैं जिनका बनना बॉडी का नॉर्मल फंक्शन है। बॉडी में यूरिक एसिड बनता है और किडनी इसे साफ करके यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर भी निकाल देती है। डाइट में प्यूरीन वाले फूड्स का अधिक सेवन करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। अगर ये टॉक्सिन बॉडी से बाहर नहीं निकलते तो जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगते हैं और गाउट का कारण बनते हैं। गाउट जिसे गठिया के रोग के नाम से भी जाना जाता है।
मेडीकवर हॉस्पिटल में सलाहकार रुमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर मोहम्मद इरफान ने बताया कि गाउट तब होता है जब आपके जोड़ों में यूरेट क्रिस्टल जमा होने लगते हैं जिसकी वजह से सूजन और बेहद दर्द होता है। गाउट एक जटिल प्रकार का गठिया रोग है जिसकी वजह से एक या अधिक जोड़ों में दर्द,सूजन और रेडनेस आती है। गाउट की वजह से पैर के अंगूठे में तेज दर्द की शिकायत होती है।
कंसल्टेंट फिजिशियन, कार्डियोलॉजी,न्यूट्रिशन, फिटनेस और लाइफस्टाइल एक्सपर्ट डॉक्टर परमजीत सिंह ने बताया कि जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई होने की वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ रहा है वो लोग गाउट डाइट का सेवन करें। गाउट डाइट से मतलब ऐसे फूड्स से है जिनका सेवन करने से असानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है। गाउट के मरीज डाइट में कुछ चीजों से परहेज करें और कुछ फूड्स का सेवन करें तो आसानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि Gout Diet कौन सी हैं।
Gout Diet क्या है?
जिन लोगों का यूरिक एसिड ज्यादा होता है और गाउट की वजह से उन्हें जोड़ों में दर्द की परेशानी होती है ऐसे लोग डाइट में प्यूरीन का सेवन करने से परहेज करें। प्यूरीन के सेवन पर कंट्रोल करके आप गाउट के लक्षणों को कम कर सकते हैं। ऐसे लोग वजन को कंट्रोल करें और खाने-पीने की आदतों को सुधारें। वजन को कम करके भी आप यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं और गाउट का खतरा टल सकता है।
गाउट के मरीज इस डाइट का करें सेवन
- कॉम्प्लेक्स कार्ब्स का सेवन अधिक करें। कॉम्प्लेक्स कार्ब्स के लिए डाइट में क्विनोआ, गेहूं और ओट्स का सेवन करें। डाइट में फल-सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन गाउट अटैक से बचाव करेगा।
- पानी का अधिक सेवन करें। ज्यादा पानी पीने से बॉडी हाइड्रेट रहती है और बॉडी में जमा टॉक्सिन यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर भी निकल जाते हैं।
- डाइट में सैचुरेटेड फैट्स जैसे रेड मीट,हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट और बीयर या शराब का सेवन करना बंद करें। ये सभी फू्ड्स तेजी से यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाते हैं। डाइट में फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप से भरपूर फूड्स का सेवन करना बंद करें। हाई-फ्रक्टोज कॉर्न सिरप शुगर जैसा ही मीठा होता है लेकिन ये लिक्विड स्वीटनर है जो कॉर्न स्टार्च को ब्रेक कर उसमें दूसरे एंजाइम्स मिलाकर बनाया जाता है।
- डाइट में लीन प्रोटीन का सेवन करें। लीन प्रोटीन में आप कम फैट का मांस खा सकते हैं। दालों का सेवन कर सकते हैं।
- नॉनवेज खाने वाले लोग ऑर्गन मीट यानि किडनी और लीवर का सेवन करने से परहेज करें। इस मीट में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है जो तेजी से यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाती है।
- सी फूड्स का सेवन करने से परहेज करें। समुद्री जल से प्राप्त फूड्स जैसे फिश, झींगा, ऑक्टोपस, सीप, कुछ प्रकार के शेवाल का सेवन करने से परहेज करें। ये सभी फूड्स तेजी से यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाते हैं।
- डाइट में चेरी का सेवन करें यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल रहेगा। विटामिन सी का सेवन करने से यूरिक एसिड के स्तर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
- कॉफी का सीमित सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। कॉफी का सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल रहता है।
- लो प्रोटीन डाइट का सेवन करें। लो प्रोटीन डाइट में आप अंडे,नट्स और पीनट बटर का सेवन करें।
- चीज और आइसक्रीम का सेवन करने से परहेज करें। ये फूड्स तेजी से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाते हैं।
