Tips for Thyroid Patients: आज के इस कोरोना काल में लोग अपनी सेहत के प्रति अधिक सतर्क हो चुके हैं। पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को किसी अन्य स्वास्थ्य परेशानियों से न गुजरना पड़े, इसलिए काढ़ा से लेकर पौष्टिक आहारों तक को अपनी डाइट में शामिल करने लगे हैं। एक अध्ययन के अनुसार जो लोग थायरॉयड बीमारी की चपेट में हैं उन्हें कोरोना से अधिक खतरा है। ऐसे में मरीज हेल्दी रहने के तमाम उपाय कर रहे हैं। हालांकि, इस बीमारी से पीड़ित लोगों को हर चीज खाने की आजादी नहीं होती है। कई फूड आइटम्स सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन ये थायरॉयड के मरीजों की परेशानी बढ़ाने का कार्य करते हैं। अगर हेल्दी समझकर आप इन्हें खा रहे हैं तो सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि थायरॉयड में क्या खाना और क्या नहीं खाना चाहिए।
गोभी: फूल गोभी, पत्ता गोभी या फिर ब्रोकली खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही बेहद गुणकारी भी होते हैं। लेकिन अगर थायरॉयड के मरीजों की बात की जाए तो ये सुपर हेल्दी फूड्स, पेशेंट्स के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स मरीजों को पत्ता गोभी, ब्रोकली और फूल गोभी कम या फिर बिल्कुल नहीं खाने की सलाह देते हैं। इन सब्जियों में गाइट्रोगन की मात्रा अधिक होती है, जो कि शरीर में थायरॉयड के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वहीं, इनमें पाया जाने वाला फाइबर भी थायरॉयड के मरीजों के लिए हानिकारक है।
सोयाबीन: प्रोटीन का बेहतर स्रोत माना जाने वाला सोयाबीन ज्यादातर लोगों को पसंद होता है। सब्जी से लेकर इससे बने कबाब तक बच्चे-बूढ़े बड़े चाव से खाते हैं। हालांकि, थायरॉयड मरीजों को सोयाबीन या फिर इससे बने किसी भी उत्पाद जैसे सोया चाप, सोया बड़ी या फिर सोया मिल्क के सेवन से परहेज करना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ज्यादा सोया खाने से हाइपो थायरॉइडिज्म का खतरा बढ़ता है। इस स्थिति में वजन बहुत तेजी से बढ़ता है जिससे लोग मोटापा से भी ग्रसित होते हैं।
हाइपर थायरॉयड के मरीज इससे बनाएं दूरी: इस स्थिति में थायरॉयड ग्लैंड जरूरत से ज्यादा थायरॉक्सिन हार्मोन पैदा करता है जिससे मरीजों का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। साथ ही साथ, इस स्थिति में वजन अचानक से काफी कम हो जाता है। इस बीमारी में लोगों को अल्कोहल से दूरी बना लेनी चाहिए। इससे शरीर में ऊर्जा की मात्रा कम हो जाती है और हाइपर थायरॉयडिज्म का खतरा भी बढ़ता है। वहीं, सी फूड, रेट मीट, रिफाइंड फूड, पैकेटबंद खाना और दूध के अत्यधिक सेवन से भी मरीजों में परेशानियां बढ़ सकती हैं।