नारियल पानी एक नेचुरल ड्रिंक है जो पोटैशियम, सोडियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है। यह गर्मी में बॉडी में होने वाली इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है और बॉडी को हाइड्रेट करता है। गर्मी में बॉडी को हाइड्रेट करने में ये पानी दवा की तरह असर करता है। उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डायटीशियन  डॉ. एकता सिंघवाल ने बताया कि नारियल पानी में साइटोकिनिन भी होता है जो एंटी एजिंग और कैंसर रोधी प्रभावों से जुड़ा होता है। नारियल पानी का सेवन संपूर्ण हेल्थ को प्रभावित करता है। गर्मी में ताजे नारियल पानी का सेवन अंग-अंग को हाइड्रेट कर देता है।

नारियल पानी गर्मी में बाजार में जगह-जगह देखने को मिलता है लेकिन कुछ लोग अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए पैक्ड नारियल पानी का सेवन करते हैं। पैक्ड नारियल पानी को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए उसमें प्रिजर्वेटिव और फ्लेवर का इस्तेमाल होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है। 

एक्सपर्ट ने बताया कि नारियल पानी को डिब्बे में लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए पाश्चुराइज किया जाता है जो नारियल पानी के पोषक तत्वों को कम कर देता है, साथ ही उसका स्वाद भी बिगाड़ देता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि ताजे नारियल पानी और पैक्ड नारियल पानी दोनों में से कौन सा बेहतर है और किस पेय का सेवन करने से बॉडी को ज्यादा फायदा होता है।

फ्रेश और पैक्ड कोकोनट वाटर क्या बॉडी पर एक जैसा करते हैं असर ?

नारियल पानी मुख्य रूप से पानी और शुगर से बना होता है। इसमें खनिज, कैल्शियम और मैंगनीज प्रचुर मात्रा में होता हैं जो सेहत के लिए उपयोगी है। टी नगर के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, चेन्नई में एक्जीक्यूटिव न्यूट्रिशनिस्ट हरिप्रिया एन ने बताया कि नारियल पानी एक ऐसा ड्रिंक है जो हवा के संपर्क में आने पर जल्दी खराब हो जाता है और अपने पोषक तत्व और गुणों को खो देता है।


डिब्बाबंद नारियल पानी को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए या फिर उसकी शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए निर्माता एडिटिव्स और बायो-प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें शुगर, आर्टिफिशियल फ्लेवर और स्टेबलाइजर शामिल हो सकते हैं। अगर आप नारियल पानी का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं तो आप पैक्ड नारियल पानी की जगह ताजे नारियल पानी का सेवन करें। 

पैक्ड जूस में आर्टिफिशियल चीजों का इस्तेमाल इस पेय की नेचुरलटी को खो देता है। पैक्ड नारियल पानी को प्लास्टिक या अन्य नॉन-बायोडिग्रेडेबल डिब्बों में पैक किया जाता है जो न सिर्फ सेहत के लिए नुकसानदायक हैं बल्कि पर्यावरण में प्रदूषण भी फैलाता हैं। पैक नारियल पानी सिर्फ फोक है जिससे आप पेट भर सकते हैं बॉडी के लिए फायदे नहीं ले सकते

इसके अलावा पैक नारियल पानी उतना ताजा नहीं होता है जितना फ्रेश नारियल होता है। ताजा निकाले गए नारियल पानी का खास स्वाद और सुगंध होती है जो पैक्ड जूस में बिल्कुल नहीं होती। पैक कोकोनट वाटर दूषित हो सकता है जिससे बॉडी में कई बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। इन पैक्ड जूस के उत्पादन और पैकेजिंग के दौरान साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाए तो ये संदूषण का खतरा बढ़ा सकता है।