अगर आप पेट को साफ नहीं रखते तो आप अपने मन को संतुलित नहीं रख सकते। पाचन तंत्र का स्वस्थ रहना शरीर और दिमाग, दोनों के लिए बेहद जरूरी है। जब पाचन बिगड़ता है तो इसका असर सिर्फ पेट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि समग्र स्वास्थ्य पर दिखाई देता है। असंतुलित खानपान, ज्यादा तैलीय और मसालेदार भोजन, समय पर खाना न खाना, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी ऐसे कारण हैं, जो धीरे-धीरे पाचन को कमजोर बना देते हैं। खराब डाइट आंतों को कमजोर बना देती है। आंतों में गड़बड़ी होने पर बॉडी में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं जैसे पेट में दर्द, बार-बार गैस बनना, ब्लोटिंग (पेट फूलना), कब्ज या दस्त और भूख न लगना जैसी तकलीफें होना शामिल है।
लंबे समय तक पाचन से जुड़ी इन परेशानियों को नजरअंदाज करना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। आंतों की सफाई ठीक से न होने पर पाचन क्रिया धीमी पड़ जाती है और शरीर में थकान, भारीपन और असहजता महसूस होने लगता है।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने बताया अगर आपका पेट साफ नहीं है तो आपकी बॉडी में कितना भी अच्छा खाना पहुंच जाए उसका असर नहीं दिखेगा। जब आंतों में पुरानी गंदगी चिपकी रहती है तो थकान, कमजोरी,सुस्ती और बीमारियां अपना घर बना लेती है। एक्सपर्ट ने बताया अगर आप 4 तरीकों को अपना लें तो आपके शरीर में जमा सालों की गंदगी बाहर निकल जाएगी, एनर्जी बूस्ट होगी। जब आपका पेट साफ होगा तो सिर्फ आपका तन ही साफ नहीं होता बल्कि आपका मन भी साफ रहता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से 4 उपाय हैं जो पेट की गंदगी को साफ करते हैं, आंतों की सफाई करते हैं और बॉडी को हेल्दी रखते हैं।
गर्म पानी,हल्दी, शहद और पुदीना का करें सेवन
सदगुरु ने बताया अगर आप चाहते हैं कि आपकी बॉडी हेल्दी रहे और पाचन दुरुस्त रहे तो आप गर्म पानी,हल्दी,शहद और पुदीना का सेवन करें। इस में आप पुदीना नहीं मिलाएं तो हरा धनिया भी मिला सकते हैं। आप सादा पानी पीने के बजाए गर्म पानी का सेवन करें तो आपका पाचन दुरुस्त रहेगा। गर्म पानी आंतों की सफाई करने में मदद करता है। यह पेट में जमी गंदगी और टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर पाचन तंत्र को एक्टिव बनाता है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। यह पेट की सूजन कम करता है, आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को सपोर्ट करता है और एसिडिटी या अपच की समस्या को दूर करता है। शहद प्राकृतिक प्रीबायोटिक की तरह काम करता है। यह आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन मजबूत होता है। पुदीना में मौजूद मेंथॉल पाचन तंत्र की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है। यह गैस बनने से रोकता है, अपच और मतली में राहत देता है।
नमक के साथ आंवला का करें सेवन
पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप नमक के साथ आंवला का सेवन करें। आंवला विटामिन C और फाइबर से भरपूर होता है। नमक के साथ आंवला खाने से यह पाचन एंजाइम को सक्रिय करता है और गैस, अपच व कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है। आंवला शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। नमक मिलाने से यह प्रक्रिया और तेज़ हो जाती है और पेट हल्का महसूस होता है। आंवला पेट को ठंडक देता है और नमक के साथ लेने से एसिडिटी और जलन की समस्या में राहत मिलती है।
त्रिफला का करें सेवन
पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं और कब्ज का परमानेंट इलाज चाहते हैं तो आप त्रिफला चूर्ण का सेवन दूध के साथ या पानी के साथ कर सकते हैं। त्रिफला तीन जादुई फलों का मिश्रण है जिसका सेवन पानी, दूध और शहद के साथ करें तो पूरे सिस्टम की सफाई हो जाएगी।
अरंडी के तेल का करें सेवन
अगर आप कब्ज को दूर करना चाहते हैं और पाचन को दुरुस्त करना चाहते हैं तो आप अरंडी के तेल का सेवन करें। आधा चम्मच अरंडी के तेल का सेवन गुनगुने पानी या दूध के साथ करें तो आपका कोलन साफ हो जाएगा और आपका लसीका तंत्र लचीला हो जाएगा।
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