हमारा शरीर कई तरह के पोषक तत्व और एसिड बनाता है यूरिक एसिड भी उनमें से एक है। यूरिक एसिड खून के रास्ते किडनी तक पहुंचता है और यूरिन के रास्ते बॉडी से बाहर भी निकल जाता है। लेकिन यूरिक एसिड की मात्रा बॉडी में बढ़ जाए और बॉडी पूरी तरह से इसे बाहर नहीं निकाल पाए तो ये बॉडी में जमा होने लगता है। यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने पर ये खून में मिलने लगता है और हड्डियों के साथ जाकर स्टोर होने लगता है। यूरिक एसिड के हड्डियों में जमा होने से हड्डियों की कई बीमारियां पैदा हो जाती है जिसे गाउट कहते हैं।

यूरिक एसिड बढ़ने से कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं जैसे एड़ियों में दर्द, पिंडलियों में दर्द, घुटनों और जोड़ों में दर्द, जोड़ों में सूजन आने की परेशानी भी हो जाती है। यूरिक एसिड बढ़ने से डायबिटीज और किडनी की परेशानी होने का खतरा भी अधिक रहता है।

आप भी यूरिक एसिड के बढ़ने से परेशान हैं तो कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाएं। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में अलसी के बीज और लौकी का जूस बेहद असरदार साबित होता है। आइए जानते हैं कि ये दोनों चीजें कैसे यूरिक एसिड को कंट्रोल करती हैं और उनका सेवन कैसे करें।

अलसी के बीज कैसे करते हैं यूरिक एसिड कंट्रोल : पोषक तत्वों से भरपूर अलसी के बीज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। अलसी के बीज में प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, विटामिन, मैग्नीशियम और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होता है। इसका सेवन सुबह खाली पेट करने से यूरिक एसिड कंट्रोल रहता है।

फाइबर से भरपूर अलसी के बीज पाचन को दुरुस्त रखते हैं और वजन को भी कंट्रोल करते हैं। आप सेहत के लिए उपयोगी अलसी के बीज का सेवन उसे भूनकर कर सकते हैं। इसका सेवन करने से पुराने से पुराना यूरिक एसिड की बीमारी का उपचार संभव है।

लौकी का जूस यूरिक एसिड करेगा कंट्रोल: लौकी एक ऐसी सब्जी है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। विटामिन C,Bऔर आयरन से भरपूर लौकी का सेवन करने से भूख शांत रहती है और पाचन दुरुस्त रहता है। लौकी का इस्तेमाल उसका जूस निकालकर भी किया जा सकता है। लौकी का जूस सेहत को बेहद फायदे पहुंचाता है।

लौकी के जूस का सेवन करने से यूरिक एसिड कंट्रोल रहता है। इसका सेवन करने से पेट की कई समस्याओं, भूख न लगना, लिवर और किडनी संबंधी समस्याओं का भी उपचार होता है। अगर आप बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो लौकी के जूस को रोजाना सुबह पिएं।