खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल हमारी बॉडी को बीमारियों का घर बना रहे हैं। आजकल हमारी खानपान की आदतें इतनी प्रभावित हो चुकी हैं कि हम ज्यादातर रिफाइंड कार्ब्स वाले फूड खाते हैं। ऐसे भोजन में फाइबर, प्रोटीन और ज़रूरी पोषक तत्व बेहद कम मिलते हैं, जबकि कार्ब्स की मात्रा ज्यादा होती है। यही वजह है कि शरीर में कई तरह की बीमारियां पनपने लगती हैं।
इसके साथ ही तनाव और नींद की कमी भी शरीर के लिए खराब संकेत हैं। बॉडी को हेल्दी रखने के लिए डाइट में फाइबर रिच फूड्स शामिल करना बेहद जरूरी है। फाइबर वजन घटाने से लेकर पाचन सुधारने तक कई अहम काम करता है। शरीर में इस पोषक तत्व की कमी होने पर सबसे आम समस्या कब्ज के रूप में दिखाई देती है।
फाइबर से भरपूर भोजन का सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है और कब्ज की परेशानी कम होती है। ये फूड्स पाचन को सपोर्ट करते हैं और गट हेल्थ में सुधार लाते हैं। लेकिन अगर हमारी डाइट में लगातार प्रोसेस्ड फूड, मैदा, और तले-भुने पदार्थ शामिल हों, तो शरीर को न तो जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और न ही पर्याप्त फाइबर। परिणामस्वरूप पाचन संबंधी समस्याएं और अन्य बीमारियां बढ़ने लगती हैं। आइए जानते हैं कि बॉडी में फाइबर की कमी होने पर कब्ज के अलावा और कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं?
फाइबर का बॉडी में रोल
KIMSHEALTH की ग्रुप मैनेजर और क्लिनिकल न्यूट्रिशन डॉ. लीना साजू के अनुसार फाइबर की कमी का शुरुआती लक्षण कब्ज नहीं बल्कि जल्दी भूख लगना है। उनके अनुसार फाइबर कम होने पर खाना बहुत तेजी से पचता है, ब्लड शुगर में स्पाइक्स आते हैं और खाने की क्रेविंग से जुड़े हार्मोन जैसे लेप्टिन और घ्रेलिन डिस्टर्ब हो जाते हैं। इसी वजह से जल्दी भूख महसूस होती है। फाइबर शरीर में बल्क बनाता है, शुगर को कंट्रोल करता है और गट बैक्टीरिया को सपोर्ट करता है जो भूख को कंट्रोल करते हैं।
फाइबर की कमी होने से बॉडी में दिखने वाले बदलाव
बेंगलुरु स्थित Cytecare Hospitals के वरिष्ठ कंसल्टेंट, GI और HPB सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. आदित्य वी नरगुंड ने बताया कि फाइबर की कमी से पाचन धीमा हो जाता है, मीठी चीज़ों की क्रेविंग बढ़ती है और भूख शांत नहीं होती। यह बदलाव अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जबकि ये गट का संकेत होता है कि शरीर को फाइबर की जरूरत है।
जल्दी भूख लगना फाइबर की कमी का संकेत क्यों?
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल, नवी मुंबई की चीफ डाइटीशियन प्रतिक्षा कदम बताती हैं कि जल्दी भूख लगना अक्सर एक ऐसा लक्षण है जिसे लोग गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन यह फाइबर की कमी का शुरुआती संकेत हो सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक डाइटरी फाइबर आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। यह शुगर और फैट के अवशोषण को धीमा करता है जिससे खाना लंबे समय तक पेट में रहता है। जब फाइबर कम होता है यानी डाइट में 25–30 ग्राम प्रतिदिन से कम खाया जाए तो खाना जल्दी पच जाता है और ब्लड शुगर गिरने लगता है, जिससे थोड़ी देर में फिर भूख लगती है।
फाइबर गट को भी सपोर्ट करता है क्योंकि यह अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है, जो भूख और मेटाबॉलिज्म कंट्रोल करने वाले हार्मोन को संतुलित रखते हैं। इसकी कमी गट-ब्रेन एक्सिस को प्रभावित कर सकती है, जिससे अत्यधिक भूख, वजन बढ़ना और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आप डाइट में फाइबर की कमी को पूरा करने के लिए अपने दिन भर के खाने में फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। साबुत अनाज और सीड्स खाएं। दालें और नट्स खाएं, ये सभी फाइबर रिच फूड कब्ज का इलाज करेंगे और पाचन में सुधार करेंगे। इन्हें खाने से पेट लम्बे समय तक भरा रहता है।
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