Tips To Prevent Chikungunya: बारिश जहां गर्मी से राहत लेकर आती है, वहीं अपने साथ कई तरह की मौसमी बीमारियां भी ले आती है। इस मौसम में जमा हुए पानी में मच्छर तेजी से पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरों से पनपने वाली ही बीमारी है चिकनगुनिया जो Aedes aegypti और Aedes albopictus प्रजाति के संक्रमित मच्छर के काटने से फैलती है। ये वही मच्छर हैं जो डेंगू फैलाने के लिए भी जिम्मेदार होता हैं। खास बात यह है कि ये मच्छर दिन में काटते हैं और साफ पानी में पनपते हैं। इन मच्छरों के पनपने की माकूल जगह है कमरे में रखा कूलर, गमले, टायर या घर के आसपास जमा बारिश का पानी।

चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी है जिसके ज्यादातर लक्षण सीजनल फ्लू जैसे हैं। अक्सर लोग इन लक्षणों को सीजनल फ्लू समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। चिकनगुनिया के लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है।

सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सोनिया रावत ने बताया चिकनगुनिया एक वायरल डिजीज है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। ये बीमारी फीमेल एडिज मच्छर के काटने से फैलती है। इस बीमारी को अक्सर लोग सीजनल फ्लू समझकर नजरअंदाज कर देते हैं जो गलत है। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो ये बीमारी घातक साबित हो सकती है। इस बीमारी की वजह से आंखों की बीमारी, नसों की परेशानी और दिल के रोगों का खतरा बढ़ सकता है। अगर किसी को भी तेज बुखार होता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। आइए जानते हैं कि चिकनगुनिया की बीमारी के लक्षण कौन-कौन से हैं और इस बीमारी का उपचार कैसे किया जाए।

चिकनगुनिया के लक्षण

  • तेज बुखार होना
  • पूरे शरीर में दर्द होना
  • सिर में तेज दर्द होना
  • स्किन पर रैशेज होना
  • उल्टी जैसी फीलिंग होना

चिकनगुनिया के लक्षण दिखने पर तुरंत क्या करें?

चिकनगुनिया के लक्षण दिखने पर आप मरीज को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। इस दौरान मरीज को ज्यादा पानी पिलाने से बॉडी में जमा टॉक्सिन तेजी से बाहर निकलते हैं। अगर आपकी बॉडी में दर्द बहुत ज्यादा है, बुखार तेज आ रहा है और सिर दर्द और जोड़ों में तेज दर्द है तो आप तुरंत एक टेस्ट कराएं और इस बीमारी का पता लगाएं। इस बीमारी का कोई टीका या इलाज नहीं है बस इस बीमारी के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।

चिकनगुनिया का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट कराएं

  1. RT-PCR (Reverse Transcriptase-Polymerase Chain Reaction) टेस्ट कराएं ये वायरस के जीन (RNA) की पहचान करता है। ये टेस्ट
  2. लक्षण शुरू होने के पहले 1–5 दिनों के अंदर कराया जाता है जिससे सटीक जानकारी मिलती है।
  3. IgM एंटीबॉडी टेस्ट करा सकते हैं जो इम्यूनिटी द्वारा बनाए गए IgM एंटीबॉडी को पहचानता है। ये टेस्ट लक्षण शुरू होने के 4 से 7 दिन बाद किया जाता है।
  4. IgG एंटीबॉडी टेस्ट पहले हो चुके चिकनगुनिया संक्रमण की जानकारी देता है। संक्रमण के कई हफ्तों बाद यह टेस्ट पॉजिटिव आता है।

कौन से लक्षण दिखने पर कराएं टेस्ट

अगर मरीज को तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, स्किन पर चकत्ते और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत है तो आप पहले 3–5 दिनों में RT-PCR कराएं। अगर बुखार शुरू हुए 5 या अधिक दिन हो चुके हैं, तो IgM एंटीबॉडी टेस्ट कराना उपयुक्त होता है।

जोड़ों में दर्द कितने दिनों तक हो सकता है

चिकनगुनिया की बीमारी में जोड़ों का दर्द बड़ी परेशानी होती है। इस बीमारी है बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द से तो समय पर राहत मिल जाती है लेकिन जोड़ों के दर्द की परेशानी लम्बे समय तक बनी रहती है। इसकी वजह से चलने फिरने में दिक्कत होती है। ये परेशानी किसी को ज्यादा लम्बे समय तक भी हो सकती है। इसके लिए इम्यूनिटी जिम्मेदार है। अगर जोड़ों में दर्द है तो आप जोड़ों में दर्द के तेल से मालिश करें, दर्द निवारक दवाओं का सेवन करें।

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