Fatty Liver Symptoms: फैटी लिवर की समस्या से आज लाखों लोग जूझ रहे हैं। लिवर शरीर के प्रमुख हिस्सों में से एक है, जो खाना पचाने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब लिवर के अंदर 5 प्रतिशत से ज्यादा फैट मौजूद हो तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है। यह बीमारी दो तरह की होती है, पहली एल्कोहलिक और दूसरी नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर। अधिक शराब के सेवन से एल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या होती है तो वहीं जब लिवर में वसा की मात्रा 10 गुणा बढ़ जाती है तो यह नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर का कारण बनती है।

फैटी लिवर के लक्षण: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जो लोग बार-बार पेट फूलना और सूजन से परेशान हैं उन्हें फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। यूं तो फैटी लिवर की बीमारी से ग्रसित लोगों में ज्यादा लक्षण देखने को नहीं मिलते। लेकिन अगर जब लिवर पर वसा की मात्रा बढ़ जाती है तो इसके कारण पेट के दाहिनी तरफ दर्द का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा थकान, उल्टी आना, भूख न लगने की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में लिवर को हेल्दी रखना बेहद ही जरूरी है।

लिवर में वसा जमने से सिरोसिस, लिवर फेलियर और लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर शुरुआत में ही इस बीमारी का पता चल जाए तो स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

बचाव के उपाय:

शराब से बनाएं दूरी: जो लोग फैटी लिवर की बीमारी से ग्रसित हैं, उन्हें शराब के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, नमक और चीनी के सेवन को कम कर देना चाहिए।

अलसी के बीज: अलसी के बीज के सेवन से लिवर से फैट हटता है। फैटी लिवर की समस्या से निजात दिलाने में अलसी के बीज किसी रामबाण से कम नहीं है।

आंवला: आंवला का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट की अच्छी-खासी मात्रा होती है। लिवर की बीमारी से ग्रसित आंवले का सूखा या फिर मुरब्बे के रूप में भी सेवन कर सककते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रोजाना 3-4 आंवले का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है।