लिवर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में एक है। यह बॉडी में बाइल जूस को सिक्रीट कर, खाने को पचाने में मदद करता है। इसके अलावा खून से विषाक्त पदार्थों को दूर करने और ऊर्जा का संचयन करने में भी मदद करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स लिवर को एक स्वस्थ शरीर का पावरहाउस मानते हैं। हालांकि अस्वस्थ खानपान, शराब का अधिक सेवन और अव्यवस्थित जीवन-शैली के कारण लिवर पर फैट इक्ट्ठा हो जाता है, मेडिकल टर्म में इस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है।
फैटी लिवर की समस्या में लिवर या तो सिकुड़ जाता है या फिर उस पर सूजन आ जाती है। जिसके कारण वह अपने कार्यों को सही तरह से करने में सक्षम नहीं रह पाता। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि जब लिवर अपने भार से 10 प्रतिशत फैटी हो जाता है तो इसके कारण फैटी लिवर की बीमारी होती है।
फैटी लिवर के लक्षण: लिवर पर वसा की मात्रा इक्ट्ठा हो जाने के कारण कई तरह की गंभीर समस्याएं होने लगती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पैरों और पेट के दाहिने हिस्से में सूजन आ गई है तो यह फैटी लिवर का संकेत हो सकता है। ऐसे में इस बीमारी के लक्षणों को जानना बेहद ही जरूरी है।
फैटी लिवर की बीमारी में मरीजों को बहुत कम भूख लगती है, साथ ही उन्हें थकान, कमजोरी, अचानक से वजन घटना, खुजली, आंखों का रंग कम होना, त्वचा पर ब्लड क्लॉट, कंफ्यूजन और पेशाब का रंग गहरा होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
एक्टपर्ट्स मानते हैं कि अगर आपका लिवर स्वस्थ है तो आपकी हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डियोवस्कुलर बीमारियां और डायिबटीज की चपेट में आने की संभावना भी बेहद ही कम रहती है।
इस खानपान के जरिए फैटी लिवर को कम करने में मिल सकती है मदद: फैटी लिवर की बीमारी में व्यक्ति को ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट्स समेत सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स मौजूद हों। क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ लिवर में वसा की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं। फैटी लिवर के मरीज अपनी डाइट में ताजे फल, हरी सब्जियां और रोस्टेड ड्राई फ्रूट्स आदि को शामिल कर सकते हैं।