लिवर में होने वाली एक गंभीर बीमारी है फैटी लिवर (Fatty Liver Disease) एक मेटाबॉलिक सिंड्रोम है। वर्तमान समय में खराब खानपान, मोटापा, कोई फिजिकल एक्टिविटी ना करना और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण फैटी लिवर के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है।
फैटी लिवर की समस्या मुख्य रूप से दो प्रकार से होती है; 1- एल्कोहल फैटी लिवर 2- नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवरः नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) उन लोगों में ज्यादा होती है जो बिलकुल भी शराब का सेवन नहीं करते हैं।
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज होने के पीछे का कारण अधिक वजन या मोटापे की समस्या, हाई ब्लड शुगर, प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज, ट्राइग्लिसराइड्स, ख़राब लाइफस्टाइल, खानपान से जुड़ी गलत आदतें, हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या, अंडरएक्टिव थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म) है। लीवर को टॉक्सिन फ्री रखने के लिए नींबू, अदरक और हल्दी से बनी चाय फायदेमंद हो सकती है। इससे लीवर डिटॉक्सीफाई भी होता है।
लिवर के लिए फायदेमंद: नींबू और अदरक का कॉम्बिनेशन लिवर फंक्शन के लिए असरदार हो सकता है। नींबू, अदरक और हल्दी, इन तीनों चीजों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भरपूर होता है। हेपेटाइटिस मंथली के जर्नल के अनुसार नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या (बिना शराब के होने वाली फैटी लिवर की समस्या) की समस्या में अदरक का रस सहायक हो सकता है। बायोमेड रिसर्च इंटरनेशनल के मुताबिक नींबू का रस अल्कोहलिक कारणों से होने वाली लिवर की क्षति में आराम पहुंचाने का काम कर सकता है। हल्दी में मौजूद कुरकुरमिन उन मॉलिक्यूल्स के स्तर को कम करता है, जो लीवर डैमेज के लिए जिम्मेदार होते हैं।
ऐसे बनायें टेस्टी चाय: सबसे पहले आप आधा चम्मच हल्दी पाउडर और आधा चम्मच अदरक पाउडर को फिल्टर किए हुए पानी में मिलाएं। कालीमिर्च के दो से तीन दाने इसमें मिलाएं और लगभग 5 से 10 मिनट के लिए मध्यम आंच पर गर्म करें। उबालना नहीं है, गर्म होने के बाद इस पेय को एक कप में छान लें। अब इसमें आधे नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाएं। आपकी चाय तैयार है अब इसे सिप करके पियें।
ध्यान रखें जो लिवर से सम्बंधित कोई भी दवा ले रहे हैं वो बिना डॉक्टर की सलाह लिए इसे पीने से बचें। हालांकि, यह चाय नेचुरल चीजों से बनाई गई है, जिसका शरीर पर कोई साइड एफेक्ट नहीं होता है। फिर भी इस चाय को ज्यादा पीने से सीने में जलन या पेट खराब की परेशानी हो सकती है।