High Uric Acid Diet: शरीर में सभी केमिकल्स ठीक अनुपात में होने जरूरी हैं, तभी लोग स्वस्थ रह सकते हैं। इसकी कमी या अधिकता से लोगों में बीमारी से ग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा ही एक केमिकल है यूरिक एसिड जिसका घटना और बढ़ना दोनों खतरनाक साबित हो सकता है। आज जानते हैं कि यूरिक एसिड के बढ़ने पर शरीर में क्या प्रभाव पड़ता है और क्यों शरीर में इसकी मात्रा बढ़ती है।

खराब जीवन शैली की वजह से लोगों में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। शरीर में इस केमिकल के बढ़ने से गठिया से ग्रस्त होने का खतरा अधिक हो जाता है। इस वजह से रोगियों को दैनिक गतिविधियां करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। सिर्फ इतना ही नहीं, हाई यूरिक एसिड के कारण जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न, घुटनों में दर्द, इंफ्लेमेशन, बुखार और दूसरी परेशानियां हो सकती हैं। वहीं, लंबे समय तक अगर इस बीमारी का पता न चले तो ये किडनी की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर जैसी बीमारियों का खतरा हो सकता है।

क्या है यूरिक एसिड: प्यूरीन एक प्रोटीन होता है जिसके ब्रेकडाउन से यूरिक एसिड का निर्माण होता है। यूरिक एसिड ब्लड में मौजूद होता है और किडनी उसे यूरिन के जरिये फ्लश आउट कर देता है। बता दें कि किडनी शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकाल देता है मगर जब बॉडी में इस केमिकल की अधिकता होती है तो किडनी इसे निकाल नहीं पाता है। फिर ये जोड़ों में क्रिस्टल बनकर जमा हो जाता है जिससे गाउट अटैक का खतरा बढ़ता है।

हाई यूरिक एसिड के कारण: शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के प्रमुख कारणों में गलत खानपान शामिल है। लोग जब डाइट में ज्यादा प्रोटीन शामिल करते हैं, प्यूरीन युक्त फूड्स अधिक मात्रा में खाते हैं, ज्यादा नमक या मीठा खाते हैं तो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा तेल मसाला ज्यादा खाने से भी शरीर में इस केमिकल की अधिकता हो जाती है।

ज्यादा व्रत करना: लंबे समय तक भूखे रहने से या फिर फास्टिंग करने से भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है। एक्सपर्ट के मुताबिक व्रत करने से शरीर में मौजूद एनर्जी प्रोटीन और अमीनो एसिड के ब्रेकडाउन में इस्तेमाल हो जाते हैं जिससे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।


कैसा होना चाहिए खानपान: डाइट में विटामिन-सी का सेवन अनिवार्य रूप से करें। खट्टे फल जैसे कि संतरा, अमरूद, सेब, नींबू और आंवला खाएं। साथ ही, प्याज, गााजर, चुकंदर, खीरा, बथुआ जैसी सब्जियां शामिल करें। अजवाइन, मेथी, सेब का सिरका, कलौंजी, लहसुन और अदरक जैसे घरेलू उपाय भी फायदेमंद होंगे।