World Thalassaemia Day 2019: अमिताभ बच्चन ना सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर हैं बल्कि एक बेहतर इंसान भी हैं। उनके कई ऐसे फैन्स भी हैं जो उन्हें बेहद सम्मान देते हैं। जब भी वह अमिताभ की किसी बीमारी के बारे में सुनते हैं तो वह पूरे दिल से उनकी सलामती की दुआ करने लगते हैं। अमिताभ बच्चन को कभी थैलेसीमिया नामक एक बीमारी थी। हालांकि समय रहते उन्होंने इसका सही इलाज करवा लिया था और अब वह इस बीमारी से लड़कर ठीक हो चुकें हैं। लेकिन आपको इस बीमारी की सही जानकारी होने चाहिए वरना यह आपके लिए घातक साबित हो सकता है। आइए जानते हैं थैलेसीमिया से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जो आपको इस बीमारी से बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
थैलेसीमिया क्या है?
थैलेसीमिया एक ब्लड डिसऑर्डर है जो शरीर में हीमाग्लोबिन और रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन से होता है। इस बीमारी में शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बेहद कम हो जाती है जिसके कारण कई बार खून भी चढ़ाने की जरूरत पड़ जाती है। रेड ब्लड सेल्स की औसत आयु 120 दिन होती है जो घटकर लगभग 10 से 25 दिन ही रह जाती है। यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर भी है जो माता-पिता से बच्चों में आती है।
थैलेसीमिया के लक्षण:
1. थकावट महसूस होने लगना।
2. पेट में सूजन या अत्यधिक दर्द होने लगना।
3. यूरिन का रंग डार्क हो जाना।
4. त्वचा पीली पड़ जाना।
5. भूख कम लगना।
6. चिड़चिड़ापन होने लगना।
थैलेसीमिया से बचने का उपाय:
1. समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाते रहना।
2. बच्चा होने के बाद उसका सही तरीके से ब्लड टेस्ट करवाना।
3. प्रेग्नेंसी के चार महीने के बाद भ्रूण का परीक्षण करवाना।
4. किसी भी नजदीक के रिश्ते में शादी करना।
5. शादी से पहले लड़का-लड़की का ब्लड टेस्ट करवाना।
थैलेसीमिया का इलाज:
थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसका समय रहते इलाज करवाना जरूरी होता है। आपकी इस बीमारी का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। टेस्ट करवाने के बाद ही डॉक्टर भी बता पाते हैं कि इसका सही इलाज क्या है। कभी-कभी दवाइयों या सप्लीमेंट्स से ठीक हो जाता है, तो कभी सर्जरी करवाने की जरूरत होती है। साथ ही आपको विटामिन या आयरन युक्त खुराक न लेने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
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