ब्रेन ट्यूमर (Brain Tumor) मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसमें ब्रेन सेल्स अचानक से बढ़ने लगते हैं और इक्ट्ठा हो कर ट्यूमर बना लेते हैं। मस्तिष्क शरीर का बहुत अहम अंग है। इसका सही रहना आवश्यक है। जब दिमाग में गांठ बन जाती है तो इसको ट्यूमर कहते हैं। ब्रेन के जिस हिस्से में ट्यूमर होता है तो उस हिस्से से नियंत्रित होने वाला शरीर का भाग प्रभावित होता है। ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं। जैसे कि कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित, माइल्ड ट्यूमर होते हैं और कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त यानि क्रोनिक ट्यूमर होते हैं।

आपको बता दें कि ब्रेन ट्यूमर दो तरह के होते हैं। पहला बिनाइन टयूमर- बेनाइन ट्यूमर एक जगह पर सीमित रहते हैं और यह ज्यादा खतरनाक नहीं होते और दूसरा मालिगनेंट टयूमर- मालिगनेंट ट्यूमर कैंसर होते हैं जिनका अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह दिमाग या फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।

गलत खानपान और तनावपूर्ण जीवन, खराब जीवन शैली और शराब के आदी लोगों, सिगरेट पीने की आदत वाले लोगों में ब्रेन ट्यूमर का खतरा अधिक होता है। पुरुषों को ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए खासकर पुरुषों को अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

जनसत्ता डॉट कॉम से बातचीत में फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स हॉस्‍पीटल, फरीदाबाद के डायरेक्‍टर न्‍यूरो सर्जरी एंड स्‍पाइन के डायरेक्टर डॉ आशीष गुप्‍ता ने बताया, ”शीघ्र निदान और शुरुआती स्‍तर पर ही लक्षणों की पहचान करने से ब्रेन ट्यूमर के इलाज से बेहतर नतीजे मिलने की संभावना बढ़ती है। मरीज़ों को यह सलाह दी जाती है कि वे ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षणों को पहचानें और तत्‍काल किसी न्‍यूरोसर्जन से संपर्क करें। कई बार सिर दर्द, उल्‍टी आना, हाथ-पैरों में कमज़ोरी महसूस होना, दिखाई देने में व्‍यवधान पैदा होना दरअसल, मस्तिष्‍क में पहले से मौजूद या किसी नए बन रहे ट्यूमर के संकेत होते हैं।”

डॉक्टर आशीष बताते हैं कि, ‘न्‍यूरो डायग्‍नॉसिस और जटिल सर्जिकल प्रक्रियाओं के चलते अब मरीज़ों को इलाज को लेकर ज्‍यादा घबराने की जरूरत नहीं है। अगर ब्रेन ट्यूमर्स का पता शुरुआती अवस्‍था में लगता है तो सुरक्षित तरीके से इसका इलाज भी मुमकिन है।’

डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक वर्तमान में रोगों की जांच संबंधी जिन प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है उनसे डायग्‍नॉसिस के सटीक होने और परिणामस्‍वरूप इलाज के भी बेहतर नतीजे मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। बिनाइन और मैलिग्‍नेंट ट्यूमर्स दोनों के मामले में अब सुधार देखा गया है। अलग-अलग क्षेत्रों की जानकारी, उन्‍नत सर्जिकल तकनीकों, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के सकारात्‍मक नतीजे सामने आए हैं। साथ ही, मरीज़ों को भी अपने स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर सतर्क और सजग रहना चाहिए ताकि वे अपने लक्षणों की पहचान कर समय पर इलाज ले सकें।

डॉक्टर के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर के मरीजों के लिए फल और सब्जियों का सेवन बहुत ही अधिक फायदेमंद होता है। इसीलिए ट्यूमर के मरीज को फल और ताजी सब्जियों का सेवन करते रहना चाहिए। इसके अलावा ट्यूमर के मरीज को तंबाकू के सेवन से बहुत परहेज करना चाहिए। साथ ही अधिक वजन से भी कई सारी बीमारियां लग जाती हैं इसीलिए वजन को नियंत्रित रखना चाहिए!