समोसा, फ्रेंच फ्राइज, ब्रेड पकोड़ा, इन चीजों का नाम सुनने भर से कई लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। समोसा तो अधिकतर भारतीय लोगों का फेवरेट स्नैक है। इसी कड़ी में कहा जाता है कि उत्तर भारतीय लोगों को खुश करना हो, तो उन्हें समोसे की पार्टी दे दीजिए। मौसम सर्दियों का हो या गर्मियों का, शाम के चार बजते ही हर भारतीय के मन में पकोड़े, कचौड़ी आदि का ख्याल आने लगता है। दिन ढलते ही लोगों के मन में चाय की तलब जागने लगती है और फिर चाय के साथ उनको उनका पसंदीदा स्नैक मिल जाए, तो क्या ही कहने। हालांकि, इस तरह के तले हुए खाद्य पदार्थ खाने में जितने स्वादिष्ट लगते हैं, सेहत पर इनके इतने ही नुकसान भी हैं।
तली हुई चीजों को खाने से मोटापा बढ़ता है, यह बात तो आप जानते ही होंगे। हालांकि, एक ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है जिसे पढ़ने के बाद आपके पैरों तले जमीन खिसक सकती है। जरा सोचिए अगर आपसे कहा जाए कि समोसा खाने से आप डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं या कचौड़ी और फ्रेंच फ्राइज आपको मानसिक तौर पर बीमार कर सकती हैं, तो क्या आप यकीन कर पाएंगे? जाहिर है इस बात पर विश्वास करना थोड़ा कठिन है, लेकिन एक स्टडी में ऐसा ही एक दावा किया गया है।
क्या कहती है स्टडी?
तले हुए खाद्य पदार्थ किसी भी इंसान के शरीर को किस तरह से नुकसान पहुंचाते हैं, यह बात जानने के लिए शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया। इस अध्ययन के परिणाम पीएनएएस जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। रिसर्च के दौरान एक दशक से अधिक समय तक करीब डेढ़ लाख लोगों के डेटा का मूल्यांकन किया गया। इस दौरान देखा गया कि जो लोग ज्यादा तली हुई चीजों का सेवन करते हैं, उनमें चिंता विकार होने का जोखिम 12 फीसदी और अवसाद विकसित होने का जोखिम 7 प्रतिशत अधिक है। इतना ही नहीं, साधारण और कम तला हुआ खाना खाने वालों की तुलना में तला भुना खाने वाले व्यक्तियों में स्ट्रेस और डिप्रेशन होने का खतरा भी अधिक पाया गया है।
क्या है वजह?
रिसर्च के दौरान सामने आया कि तले हुए खाद्य पदार्थों में एक्रिलामाइड नामक एक रसायन होता है जो मानसिक स्वास्थ्य को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकता है। नतीजों में देखा कि जब किसी भी खाद्य पदार्थ को बहुत अधिक तापमान पर पकाया जाता है, तो इसमें से एक कैमिकल रिलीज होने लगता है। एक्रिलामाइड समय के साथ मस्तिष्क की सूजन को बढ़ावा देता है, जिसके चलते व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलता है, साथ ही इससे संबंधित दिक्कतें होने लगती हैं।
शोधकर्ताओं की मानें तो आलू या किसी भी अन्य खाने की चीज को जब ज्यादा खस्ता बनाने के लिए तला या भूना जाता है, तो एक्रिलामाइड निर्मित होता है। यानी आलू के चिप्स, फ्रैंच फाइज आदि आपका मोटापा बढ़ाने से अलग आपको मानसिक तौर पर बीमार भी कर सकते हैं। अध्ययन के लेखक और प्रिवेंटिव एंड लाइफस्टाइल मेडिसिन विशेषज्ञ डेविड काट्ज के मुताबिक, रिसर्च से साफ है कि तले हुए भोजन के अधिक सेवन से चिंता, अवसाद का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि हम इस तरह का खाना खाने से बचें। वहीं, जो लोग पहले से इस तरह की मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं, उनपर इस तरह के खाने का कैसा प्रभाव पड़ता है, इस सवाल का जवाब सामने आना अभी बाकी है।