बॉडी में कुछ सेल्स और खाद्य पदार्थों के जरिए प्यूरीन नामक प्रोटीन बनता है। इस प्रोटीन के ब्रेकडाउन से यूरिक एसिड केमिकल प्रोड्यूस होता है। शरीर के लिए यह एक तरह का वेस्ट प्रोडक्ट है, जो किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद फ्लश आउट हो जाता है। लेकिन जब अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण बॉडी में इसकी मात्रा बढ़ जाती है तो यह वेस्ट प्रोडक्ट खून में मिल जाता है। जिसके बाद यह क्रिस्टल्स के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इक्ट्ठा हो जाता है।

खून में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से घुटनों में तेज दर्द, सूजन, अकड़न, जोड़ों में दर्द, लालिमा, अपच और घबराहट जैसी समस्याएं होने लगती हैं। अव्यवस्थित जीवन-शैली के साथ-साथ बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने के कई और कारण हैं, जिनमें बहुत अधिक शराब पीना, अनुवांशिकता, थायरॉयड, विटामिन बी-3 की कमी, मोटापा, ज्यादा प्यूरीन युक्त आहार का सेवन और गुर्दे का फिल्टर नहीं कर पाना शामिल है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स यूरिक एसिड के मरीजों को खानपान का विशेष ध्यान रखने की सलाह देते हैं। ऐसे में कुछ चीजे हैं, जिनका सुबह उठकर सेवन करने से बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

सेब का सिरका: यूरिक एसिड के मरीज सुबह के समय खाली पेट सेब के सिरके का सेवन कर सकते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर सेब के सिरके में कई तरह के विटामिन, एंजाइम, प्रोटीन और लाभ पहुंचाने वाले बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। ऐसे में आप एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालकर पी सकते हैं।

नींबू पानी: अगर आप सेब का सिरका नहीं पीना चाहते तो खाली पेट नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं। नींबू पानी पीने से शरीर में मौजूद सभी तरह के विषाक्त पदार्थ दूर हो जाते हैं, जिससे यूरिक एसिड को बाहर निकलने में मदद मिलती है।

अलसी के बीज: अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, मैग्नीशियम और फास्फोरस की अच्छी खासी मात्रा होती है। यह यूरिक एसिड के स्तर को काबू रखने में मदद करते हैं। ऐसे में आप सुबह के समय खाली पेट अलसी के बीज चबा सकते हैं।