मूली यानी डाइजेशन की दोस्त,आयुर्वेद में इसे शरीर का प्राकृतिक डिटॉक्स फूड माना गया है। ये सब्जी पाचन को दुरुस्त करती है, लीवर को साफ रखती है और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है। अगर इसे गलत चीजों के साथ खाया जाए तो यही फायदेमंद मूली पेट की सबसे बड़ी दुश्मन बन सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, मूली को हल्के भोजन के साथ या अकेले खाना सबसे अच्छा माना जाता है। कुछ चीजों के साथ इसको कॉम्बिनेशन करके खाने से पेट की गैस और एसिडिटी खतम करने वाली मूली पेट में गैस और ब्लोटिंग का कारण बन जाती है।
मूली एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद में हल्की मीठी और तीखी होती है, लेकिन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें विटामिन सी, फोलिक एसिड, राइबोफ्लेविन, जिंक, मैग्नीशियम, आयरन और कैल्शियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी तत्व इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं,खून को साफ करते हैं और हड्डियों को मजबूत बनाने में में मदद करते हैं।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक मूली पेट के लिए किसी दवा से कम नहीं है। ये पाचन सुधारती है, पेट की गैस और कब्ज को दूर करती है और बवासीर जैसी समस्याओं में राहत देती है। रोजाना सलाद में थोड़ी सी मूली शामिल करने से पेट हल्का रहता है और शरीर डिटॉक्स होता है।
मूली का पूरा फायदा लेना चाहते हैं तो इसे खाने का तरीका जानना जरूरी है। मूली का सेवन सुबह करना सबसे ज्यादा गुणकारी होता है। रात में मूली खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह भारी होती है और पचने में समय लेती है। मूली सलाद के रूप में खानी हो तो इसे भोजन से पहले न खाएं, क्योंकि यह अपच का कारण बन सकती है। इसे या तो नाश्ते में खाली पेट खाएं और उसके बाद कुछ समय तक कुछ न खाएं, या फिर भोजन के बाद सलाद के रूप में लें। मूली के साथ कुछ फूड्स का सेवन अमृत समान मूली को जहर बना देता है। आइए जानते हैं कि किन फूड्स के साथ मूली खाने से पेट में गैस और एसिडिटी होती है।
दूध या दही के साथ मूली नहीं खाएं
मूली के साथ दूध-दही का मेल शरीर के लिए हानिकारक माना गया है। आयुर्वेद के मुताबिक, मूली का नेचर ठंडा और तीखा होता है, जबकि दूध और दही में भारीपन और चिपचिपाहट होती है। जब दोनों साथ जाते हैं तो शरीर में टॉक्सिन्स बनते हैं, जिससे पेट में गैस और अपच की परेशानी होती है। मूली खाने के बाद कम से कम 2 घंटे तक दूध या दही का सेवन न करें।
मछली के साथ मूली से करें परहेज
आयुर्वेद में मछली और मूली का कॉम्बिनेशन सख्त मना है। दोनों का नेचर एक-दूसरे के विपरीत होता है एक ठंडी और दूसरी गर्म। जब इन्हें साथ खाया जाता है, तो शरीर में रासायनिक असंतुलन होता है जो पेट दर्द और पाचन संबंधी दिक्कतें बढ़ाता है। यह कॉम्बिनेशन शरीर में विषैले तत्व भी पैदा कर सकता है। इसलिए कभी भी मछली या सी-फूड के साथ मूली नहीं खानी चाहिए।
केले के साथ मूली से रहें दूर
केला और मूली दोनों ही ठंडी प्रकृति के खाद्य पदार्थ हैं। जब इन्हें साथ खाया जाता है तो यह पेट में गैस और भारीपन बढ़ाते हैं। साथ ही यह जोड़ी शरीर में बलगम (mucus) की मात्रा भी बढ़ाती है, जिससे सर्दी-जुकाम और गले में खराश की समस्या हो सकती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर सलाह देते हैं कि मूली खाने के कम से कम एक घंटे बाद ही कोई फल खाएं, खासकर केला बिल्कुल नहीं खाएं।
गाजर या चुकंदर के साथ मूली से बचें
गाजर, चुकंदर और मूली तीनों ही जड़ वाली सब्जियां हैं, लेकिन आयुर्वेद में इन्हें एक साथ खाने से मना किया गया है। इसका कारण ये है कि तीनों की प्रकृति अलग-अलग होती है। गाजर मीठी, चुकंदर भारी और मूली तीखी होती है। साथ खाने से पेट में एसिडिटी, गैस और डाइजेशन की समस्या हो सकती है। खासकर जिन लोगों को IBS या कब्ज की समस्या रहती है, उन्हें ये कॉम्बिनेशन बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
खट्टे फल या नींबू के साथ मूली
खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू या मौसमी को मूली के साथ खाने से पित्त दोष बढ़ता है। यह पेट में जलन, डकार और एसिडिटी की समस्या को बढ़ा सकता है। मूली खाने के तुरंत बाद नींबू पानी या खट्टे फल लेने से बचना चाहिए। आयुर्वेद कहता है कि मूली का तीखापन और फलों की खटास मिलकर पेट की आंतों को प्रभावित करते हैं और पाचन कमजोर करते हैं।
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