सर्दियों में मूली सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सब्जियों में से एक है। सलाद हो, पराठा हो, अचार हो या सब्ज़ी हो मूली को हर रूप में पसंद किया जाता है। यह विटामिन C, फाइबर, पोटैशियम और कई मिनरल्स का बेहतरीन स्रोत है। लगभग 100 ग्राम मूली रोज खाने से पाचन बेहतर होता है और लिवर की सफाई में मदद मिलती है। इसके डिटॉक्स गुण शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालते हैं और आंतों को साफ रखते हैं।

हालांकि, कई लोगों के लिए मूली खाना समस्या बन जाता है। उन्हें मूली खाने से खट्टी डकारें, पेट फूलना, सीने में भारीपन या गैस बनने की शिकायत होती है। यह समस्या हर किसी में नहीं होती, बल्कि उन्हीं लोगों में दिखती है जिनका पाचन तंत्र कमजोर होता है या जिनकी बॉडी में सल्फर कंपाउंड जल्दी रिएक्ट करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मूली सर्दियों की सबसे डिटॉक्सिफाइंग सब्ज़ियों में से एक है, लेकिन अगर इसे गलत समय या गलत तरीके से खाया जाए तो यह उल्टा नुकसान भी कर सकती है।

मूली सर्दियों की सबसे पोषक और डिटॉक्सिफाइंग सब्जियों में से एक है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक जिन लोगों का पाचन कमजोर हो तो उन्हें मूली खाने का सही समय और तरीका ज़रूर जानना चाहिए। अगर मूली को सही तरीके से खाएं, तो यह पेट साफ रखती है, गैस कम करती है और लिवर को मजबूत बनाती है। गलत तरीके से खाएं तो यही मूली गैस, डकार और अपच का कारण भी बन सकती है।

मूली कुछ लोगों को क्यों नहीं पचती?

आचार्य बालकृष्ण बताते हैं कि मूली पेट की सफाई, गैस और कब्ज को दूर करने में मदद करती है। लेकिन इसमें मौजूद सल्फर कंपाउंड, फाइबर और एंजाइम पाचन के दौरान गैस बनने की प्रक्रिया बढ़ा सकते हैं। यह सल्फर आंतों के बैक्टीरिया के साथ रिएक्ट होकर अधिक गैस बनाता है। पाचन एंजाइम कम होने पर मूली को तोड़ने में अधिक समय लगता है। कमजोर पाचन वाले लोगों में मूली भारीपन, डकार और एसिडिटी का कारण बन सकती है। मूली अल्कलाइन प्रकृति की सब्जी है, जो गलत समय पर खाने पर बॉडी के pH को असंतुलित कर सकती है और गैस बढ़ा सकती है। मूली गैस को बढ़ाती नहीं है बल्कि गैस का इलाज करती है, लेकिन जिन लोगों का पाचन कमजोर है वो अगर सही तरीके से नहीं खाते तो पेट में गैस का कारण बन सकती है।

कमजोर पाचन वाले लोग मूली कैसे खाएं?

सही समय पर मूली खाई जाए तो यह पेट के लिए दवा की तरह काम करती है।

आयुर्वेद के अनुसार मूली खाने का सही तरीका

  • मूली हमेशा दोपहर के भोजन में खाएं, क्योंकि इस समय पाचन सबसे मजबूत होता है।
  • सुबह खाली पेट और रात में मूली खाने से बचें, इससे अपच बढ़ सकता है।
  • अगर मूली सलाद के रूप में खा रहे हैं तो इसे भोजन के अंत में खाएं।
  • जैसे अगर आप 4 रोटी खाते हैं तो पहली रोटी के बाद मूली खाना शुरू करें।
  • नाश्ते में मूली खाने के बाद एक घंटे तक कुछ न खाएं।

मूली को आसानी से पचाने के आयुर्वेदिक उपाय

  • मूली पर सेंधा नमक, नींबू रस या काली मिर्च डालकर खाएं इससे गैस नहीं बनती।
  • खाने के बाद थोड़ा गुड़ या सौंफ चबा लें, यह पाचन को शांत करता है।
  • गैस की समस्या वाले लोग मूली को हल्का उबालकर या भूनकर खाएं, इससे फाइबर मुलायम हो जाता है और पेट पर बोझ नहीं पड़ता।

खाने के बाद सौंफ, जीरा और अजवाइन को मिक्स करके खाएं, खाया-पिया तुरंत पचेगा और बॉडी होगी डिटॉक्स, गट हेल्थ में भी होगा सुधार। पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।