यूरिक एसिड आज के समय में एक आम परेशानी बन गया है, जो बुजुर्गों के साथ-साथ युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। इसके चलते कम उम्र में ही लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगी हैं, साथ ही वे जोड़ों में हर समय दर्द, सूजन या गाउट जैसी समस्याओं से परेशान रहने लगे हैं। वहीं, अगर आप भी इन्हीं लोगों में से एक हैं, तो बता दें कि इसके पीछे आपकी गलत लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान की आदत जिम्मेदार हो सकती हैं।

दरअसल, यूरिक एसिड एक अपशिष्ट बायप्रोडक्ट है। ये प्यूरीन नामक रयासन के टूटने पर शरीर में बनता है। वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हमारे शरीर में लगभग 30% प्यूरीन हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से आता है। यानी यूरिक एसिड से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि आप ऐसे फूड्स को डाइट का हिस्सा बनाएं, जिसमें प्यूरीन की मात्रा न हो। आप जितना कम प्यूरीन खाएंगे, आपके यूरिक एसिड का स्तर उतना ही कम होने की संभावना है। यही वजह है कि यूरिक एसिड से परेशान लोग किसी भी चीज के सेवन से पहले उनसे जुड़े फायदे और नुकसान को जानना सही समझते हैं।

इसी कड़ी में अक्सर लोगों के मन में ये सवाल होता है क्या यूरिक एसिड बढ़ने पर प्याज खाई जा सकती है या क्या प्याज का सेवन यूरिक एसिड की परेशानी को और अधिक बढ़ा सकता है? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब-

इससे पहले आपको बता दें कि वयस्क महिलाओं में 2.5 से 6 mg/dL और वयस्क पुरुषों में 3.5 से 7 mg/dL तक यूरिक एसिड का लेवल नॉर्मल होता है। इससे अधिक मात्रा में होने पर ये व्यक्ति को कई तरह से नुकसान पहुंचाने लगता है। हाई यूरिक एसिड की मात्रा को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। अब बात प्याज की करें, तो इसे लेकर एक रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि प्याज का सेवन, इसमें भी विशेष रूप से लाल प्याज खाने से यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, साथ ही प्याज खाने से गठिया की स्थिति में भी फायदा पहुंच सकता है।

हेल्थ डेस्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूरिक एसिड की स्थिति पर प्याज के असर को लेकर एक शोध किया गया। इसके लिए कुछ चूहों को लगातार 7 दिनों के लिए प्याज का अर्क दिया गया। तय समय बाद बढ़े हुए यूरिक एसिड स्तर (हाइपरयूरिसीमिया) वाले चूहों में सीरम यूरिक एसिड का स्तर कम देखा गया। इतना ही नहीं, एक दूसरे अध्ययन में भी समान परिणाम मिले। प्याज दरअसल एक कम प्यूरीन वाला खाद्य पदार्थ है, जिससे ये यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा शोध के नतीजे ये भी बताते हैं कि प्याज रुमेटीइड गठिया सहित जोड़ों के दर्द, सूजन और लालिमा को रोकने में भी मददगार है। ऐसा संभवतः प्याज में पाए जाने वाले क्वेरसेटिन नामक फ्लेवोनोइड के कारण होता है। यानी अगर आप हाइपरयूरिसीमिया की स्थिति से परेशान हैं, तो भी प्याज का सेवन कर सकते हैं, ये आपके लिए पूरी तरह सुरक्षित है, साथ ही प्याज खाने से आपको जोड़ों के दर्द में भी कुछ हद तक राहत मिल सकती है।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।