देश के सभी राज्यों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेंगू एक मच्छर जनित बीमारी है, जिसमें तेज बुखार, सिर में तेज दर्द, मांसपेशियों में गंभीर दर्द समेत कई तरह की समस्याएं होती हैं। डेंगू की बीमारी में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं, जिससे कई बार यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। जाने मानें फिजिशियन डॉक्टर अमरेंद्र झा के मुताबिक केवल डेंगू के कारण ही खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम नहीं होती बल्कि इसके कई और कारण भी हैं।

प्लेटलेट्स कम होने के कारण: डॉक्टर अमरेंद्र झा बताते हैं वायरल फीवर या फिर टाइफाइड की बीमारी में भी प्लेटलेट्स का स्तर घट जाता है। इसके अलावा ब्लड टेस्ट भी मशीन के द्वारा किया जाता है तो कई बार मशीन10 प्लेटलेट्स को 10 न गिनकर 1 गिन लेती है, ऐसी स्थिति में भी प्लेटलेट्स काउंट कम हो सकता है। जिन लोगों को लिवर से जुड़ी बीमारियां हैं, उनके शरीर में भी प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है। बता दें कि प्लेटलेट्स लिवर और बोन मैरो के जरिए बनता है, इसलिए लिवर की समस्या से ग्रसित लोगों में भी प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है।

A प्लास्टिक एनीमिया की बीमारी में भी प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती है। इसके अलावा एक और स्वास्थ्य समस्या है, जिसका नाम ‘इडियोपैथिक थ्रोंबोसाइटोसिस’ है, इसमें प्लेटलेट्स का उत्पादन तो शरीर में सामान्य तौर पर होता है, लेकिन साथ ही वह अनियमित रूप से नष्ट होते रहते हैं। इसके कारण बॉडी में प्लेटलेट्स की मात्रा घटने लगती हैं।

इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अगर बॉडी में प्लेटलेट्स की संख्या घट रही है तो इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। डॉक्टर अमरेंद्र झा बताते हैं कि बकरी का दूध पीने से अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स नहीं बढ़ पाते। हालांकि पपीता खाने से या फिर पपीते का जूस पानी फायेदमंद साबित हो सकता है। हालांकि खून में प्लेटलेट्स की अधिक कमी के कारण ब्रेन हैमरेज की संभावना भी बढ़ जाती है।

अच्छी बात यह है कि प्लेटलेट्स में जरूरी नहीं है कि जो आपका ब्लड ग्रुप है, वही आपको चढ़ सकता है, बल्कि किसी भी ब्लड ग्रुप का प्लेटलेट्स आपको चढ़ाया जा सकता है।