शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना जिसे हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। ये परेशानी ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर हाई होने से होती है। डाइट में प्यूरीन से भरपूर फूड्स का सेवन करने से ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जो धीरे-धीरे कई बीमारियों की जड़ बनती है। सबसे पहले इसका असर जोड़ों पर दिखाई देता है। हाई यूरिक एसिड जोड़ों में सूजन,अकड़न और तेज दर्द का कारण बनता है। लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने पर यह गाउट या गठिया जैसी बीमारी का रूप ले सकता है।
हाई यूरिक एसिड का इलाज नहीं किया जाए तो ये समय के साथ ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देता है। इसके अलावा हाई यूरिक एसिड किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे किडनी स्टोन और अन्य किडनी डिज़ीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है। खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल,तनाव और अत्यधिक वजन यूरिक एसिड स्तर को और अधिक बढ़ा देता है।
यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए डाइट में कम प्यूरिन वाले खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, लो-फैट डेयरी, दालें और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन शामिल करें। ताज़े फल और सब्जियां सूजन कम करने और यूरिक एसिड घटाने में सहायक होते हैं। दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि यूरिक एसिड पेशाब से बाहर निकल सके। कुछ खास ड्रिंक जैसे मीठे ड्रिंक, प्रोसेस्ड फूड और शराब से परहेज़ करना जरूरी है। दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है, ताकि यूरिक एसिड पेशाब से बाहर निकल सके।
हेल्थलाइन के मुताबिक यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना, पर्याप्त पानी पीना, नियमित एक्सरसाइज करना और समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाना सबसे अहम उपाय हैं। यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए कुछ एक्सरसाइज बेहद असरदार साबित होती हैं। अगर इन एक्सरसाइज को तीन महीनों तक किया जाए तो आसानी से ब्लड में यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं, जोड़ों के दर्द और सूजन को भी कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए कौन-कौन सी एक्सरसाइज असरदार साबित होती हैं।
पैदल चलना (Walking) है जरूरी
यूरिक एसिड कंट्रोल करना चाहते हैं और गाउट अटैक से बचना चाहते हैं तो आप पैदल चलें। ये एक लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है, जो रक्त संचार और जोड़ों की लचक बढ़ाता है। नियमित वॉक से किडनी एक्टिव रहती है और शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड पेशाब के माध्यम से बाहर निकालता है। वॉक वजन नियंत्रित रखने में भी मदद करती है, क्योंकि मोटापा यूरिक एसिड बढ़ने का बड़ा कारण है। इस एक्सरसाइज को सभी उम्र के लोग बिना जिम जाए कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं। रोज़ाना कम से कम 30 मिनट तेज़ कदमों से चलने से यूरिक एसिड कम होता है और गाउट के दौरे भी घटते हैं।
तैराकी (Swimming) करें
तैराकी यूरिक एसिड कम करने और गाउट या आर्थराइटिस से प्रभावित जोड़ों के लिए बहुत फायदेमंद है। पानी में तैरने से शरीर का भार हल्का हो जाता है जिससे जोड़ों पर दबाव नहीं पड़ता और आसानी से मूवमेंट होता है। इससे मांसपेशियां मज़बूत होती हैं और दिल की सेहत में सुधार होता है। नियमित तैराकी किडनी की कार्यक्षमता और मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर यूरिक एसिड को कम करने में मदद करती है। इस एक्सरसाइज को करने से जोड़ों की सूजन और जकड़न कम होती है। हफ्ते में 3-4 बार, 30-45 मिनट तक स्विमिंग करने से 2-3 महीनों में यूरिक एसिड लेवल घट सकता है।
योग (Yoga) भी करेगा मदद
योग एक हल्का और सुरक्षित व्यायाम है जिसमें स्ट्रेचिंग, श्वास-प्रश्वास और ध्यान शामिल होता है। योग तनाव को कंट्रोल करता है, जो गाउट अटैक का कारण बन सकता है। यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए आप भुजंगासन और अर्धमत्स्येन्द्रासन जैसे आसन करें। ये आसन रक्त प्रवाह और किडनी की हेल्थ में सुधार करता है और यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है। योग शरीर को रिलैक्स करता है जिससे सूजन और दर्द कम होता है। जो लोग जोड़ों में जकड़न या दर्द महसूस करते हैं उनके लिए योग बेहद उपयुक्त है। रोज़ाना 20-30 मिनट योग या हफ्ते में 3-4 दिन आसन करने से यूरिक एसिड स्तर और गतिशीलता दोनों बेहतर होती हैं।
पेट, कमर और कूल्हों की चर्बी बढ़ गई है तो इस खास पत्ते को रोज़ चबा लें, आचार्य बालकृष्ण ने बताया इन्हें फैट बर्नर लीव्स,पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।