सोते समय तकिये का इस्तेमाल करना बेहद आम है। इससे गर्दन और सिर को आराम मिलता है और बेहतर नींद आती है लेकिन क्या छोटे बच्चों के साथ भी ऐसा ही है? क्या कभी आपने सोचा है कि छोटे बच्चे के लिए तकिये का इस्तेमाल करना सेफ है? अगर नहीं, तो यहां हम आपको इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

मामले को लेकर ‘बच्चों की डॉक्टर’ के नाम से मशहूर डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में डॉ बताती हैं, बच्चों की सेहत का अधिक ख्याल रखने की जरूरत होती है। खासकर शुरुआत के एक से दो साल शिशु की हर एक चीज पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए घर के बड़े-बुजुर्ग कई बार नई मां को अलग-अलग सलाह भी देते हैं। इन्हीं में से एक है शिशु को तकिया लगाना।

आपने भी अक्सर घर के बड़ों को कहते हुए सुना होगा कि शिशु को राई का तकिया लगाना चाहिए या सोते समय बच्चे के सिर के नीचे पतला तकिया रख देना चाहिए। इससे बच्चे के सिर का आकार सही रहता है, साथ ही वो बेहतर तरीके से सो भी पाता है।

क्या ऐसा करना सही है?

डॉक्टर भारद्वाज के मुताबिक, बच्चे को तकिया लगाने या ना लगाने से उसके सिर के आकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इससे अलग शिशु को किसी भी स्थिति में सिर के नीचे तकिया लगाने की जरूरत नहीं होती है। दरअसल, जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमारे सिर और गर्दन के बीच में हल्का गैप आना शुरू हो जाता है। ऐसे में इस गैप के नीचे हम तकिया लगाते हैं ताकि आराम से सो सकें या सोते समय हमारी गर्दन में दर्द ना हो लेकिन बच्चों की गर्दन और सीर के बीच में इस तरह का कोई गैप नहीं होता है, ऐसे में उन्हें तकिया लगाने की भी जरूरत नहीं होती है।

किस उम्र में तकिया लगाना है सही?

डॉक्टर भारद्वाज कम से कम 1 से 1.5 साल तक शिशु को तकिया नहीं लगाने की सलाह देती हैं। डॉक्टर के मुताबिक, शिशु एक दिन में 18 से 20 घंटे तक सोता है ऐसे में तकिया लगाने से उसे परेशानी हो सकती है। इससे अलग बच्चे को बिना तकिये के सुलाएं, साथ ही समय-समय पर बच्चे के सोने की पोजीशन को बदलते रहें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।