Difference Between Mouth Cancer and Mouth Ulcer: मुंह अक्सर छाले होने की वजह से परेशान हैं? क्या आपको भी लगता है कि कहीं ये छाले कैंसर के लक्षण तो नहीं? आपको बता दें कि हर छाला कैंसर के कारण नहीं होता है। मुंह में छाले होना एक आम समस्या है जो किसी न किसी समय लगभग सभी को प्रभावित करती है। ये छाले गालों के अंदर, जीभ पर और होठों के अंदरूनी हिस्से पर होते हैं। ये फफोले सफेद या लाल घावों के रूप में दिखाई देते हैं। ऐसे में कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि मुंह से खून भी निकलने लगता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यदि छालों का समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो आगे चलकर ये ओरल कैंसर का कारण बन सकते हैं। हालांकि, हर छाले को लेकर यह नहीं कहा जा सकता है कि यह कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए, मुंह के छाले और मुंह के कैंसर के बीच की असमानताओं को अच्छी तरह से समझना जरूरी है; ताकि समय रहते इस समस्या का समाधान किया जा सके। आइए जानते हैं-

ओरल अल्सर क्या है?

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक अल्सर या मुंह में होने वाले छाले एक छोटे घाव की तरह दिखाई देते हैं, जो मसूढ़ों, गले, होंठ और तालू आदि में हो सकते हैं। ज्यादातर छाले संक्रामक नहीं होते हैं और अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। कई बार छालों से खून निकलने की भी समस्या को देखा जाता है, ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को भोजन करने में दिक्कत हो सकती है। इसके कारण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं; जैसे पेट खराब होना, खट्टी चीजों का ज्यादा सेवन, जीभ या गालों के अंदर के हिस्से पर घाव, तनाव, गर्भावस्था, शरीर में हार्मोनल बदलाव, जेनेटिक, विटामिन बी12 या आयरन की कमी आदि। मुंह में छालों की समस्या मुख्यतः तीन प्रकार की होती है।

जिसमें आम मुंह के छाले मुंह के वो छाले होते हैं जिनका आकार 3 से 10 मिमी तक हो सकता है। ये छाले अक्सर एक हफ्ते में ठीक हो जाते हैं। दूसरा गंभीर मुंह का अल्सर है, जो सामान्य से हल्का बड़ा होता है और 10 दिनों तक रहता है। ये सिस्ट 10 मिमी से बड़े हो सकते हैं। तीसरे प्रकार के अल्सर को पिनपॉइंट अल्सर भी कहा जाता है। यह अल्सर ज्यादातर 10 साल से 40 साल की उम्र के लोगों में होता है।

मुंह के छाले से बचाव के उपाय

यदि आप ओरल अल्सर या मुंह के छालों से परेशान हैं तो अधिक मसालेदार खाद्य पदार्थ खाने से बचें, हो सके तो सादा भोजन करें। इसके अलावा जो भी व्यक्ति बहुत ज्यादा च्युइंगम चबाते हैं उन्हें इस आदत से बचना चाहिए। साथ ही विटामिन-सी से युक्त फलों एवं सब्जियों का सेवन करें और प्रतिदिन 7-8 गिलास पानी पिएं। इसके साथ ही कब्ज की समस्या से भी ओरल अल्सर हो सकता है, इसके लिए रेशेदार सब्जियों एवं फलों का सेवन करें। साथ ही ओरल हाइजिन मैंटेन रखें।

ओरल कैंसर क्या है ?

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक मुंह के कैंसर के सामान्य लक्षणों में गाल के अंदरूनी हिस्से पर छाले, मुंह में छाले, लंबे समय तक फटे होंठ और आसानी से ठीक होने में दिक्कत शामिल हैं। इस कैंसर की शुरुआत सफेद छाले या मुंह के अंदर छोटे-छोटे छालों से होती है।

ओरल कैंसर के लक्षण

अगर मुंह के छालों का इलाज करने के बाद भी लंबे समय तक मुंह के अंदर सफेद धब्बा, घाव या छाला बना रहे तो वह बाद में मुंह का कैंसर के रूप में परिवर्तित हो जाता है। मुंह में दर्द, मुंह से दुर्गंध, आवाज में बदलाव, आवाज का बैठना, निगलने में कुछ कठिनाई, अधिक लार या खून के साथ लार आना ये सभी भी मुंह के कैंसर के लक्षण हैं।

किस वजह से होता है मुंह का कैंसर

मुंह का कैंसर आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली यानि कि कमजोर इम्यूनिटी के कारण होता है। वहीं दंत चिकित्सकों के मुताबिक ओरल हाइजीन न रखने से भी ओरल कैंसर हो सकता है। जो तंबाकू या इससे जुड़ी चीजों का सेवन करते हैं उनमें मुंह के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। यानी जो लोग बीड़ी, सिगरेट, शराब जैसी चीजों का सेवन करते हैं उन्हें मुंह के कैंसर का खतरा होता है।

ओरल कैंसर से बचाव के उपाय

अगर कैंसर का पहली स्टेज में पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। इसलिए किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ ही धूम्रपान और शराब न पीएं और दिन में दो बार नियमित रूप से दांत और मुंह साफ करें। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक, डिब्बाबंद चीजें न खाएं।