डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। डायबिटीज यानी मधुमेह एक क्रॉनिक डिसीज है, जिसमें सबसे ज्यादा रोगी को अपने खानपान का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। क्योंकि खाद्य पदार्थ खून में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा देते हैं। बता दें की खाने से पहले डायबिटीज रोगी के शरीर का ब्लड शुगर लेवल 80-130 mg/dl तक होना चाहिए।

वहीं खाना खाने के 1-2 घंटे बाद डायबिटीज के मरीजों में रक्त शर्करा का स्तर 180 mg/dl से कम होना चाहिए। अगर खून में ग्लूकोज का स्तर इससे अधिक हो जाता है तो रोगी को हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।

डायबिटीज में मुलेठी: आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में मुलेठी का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयों में किया जाता है। मुलेठी में कैल्शियम, एंटी ऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और प्रोटीन की अच्छी-खासी मात्रा मौजूद होती है। मुलेठी में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी-डायबिटीक गुण मधुमेह के मरीजों में ब्लड शुगर के स्तर को काबू में रखने में मदद करते हैं।

मधुमेह के मरीज चीनी की जगह अपने खाने में मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि मुलेठी में नेचुरल मिठास होती है। आप मिठाई या फिर अन्य पकवानों में मुलेठी के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा दही या फिर सलाद आदि में भी डालकर मुलेठी पाउडर का सेवन कर सकते हैं। आप मुलेठी से बनी चाय भी पी सकते हैं।

कंट्रोल में रहता है ब्लड शुगर लेवल: डायबिटीज के मरीज एक गिलास गुनगुने पानी में मुलेठी पाउडर डालकर सेवन कर सकते हैं। इससे रक्त शर्करा का स्तर काबू में रहता है।

मुलेठी के अन्य फायदे: मुलेठी ना सिर्फ डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है बल्कि खांसी में भी यह राहत दिलाती है। खांसी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप मुलेठी के टुकड़े को चूस सकते हैं। इसके अलावा आप शहद में मुलेठी पाउडर को मिलाकर सेवन कर सकते हैं, इससे कफ की समस्या दूर हो सकती है।

मुलेठी पाचन को भी दुरुस्त रखने में मदद करती है। अगर आपकी आंखों में जलन हो रही है तो भी मुलेठी फायदेमंद साबित हो सकती है। आप अपनी आंखों के ऊपर मुलेठी और सौंफ के पाउडर का पेस्ट लगा लें। इससे आपको राहत मिलती है।