Diabetes: डायबिटीज की बीमारी को सबसे घातक बीमारियों में से एक माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डायबिटीज की बीमारी समय के साथ अंगों को खराब करना शुरू कर देती है, जिसकी वजह से डायबिटीज के मरीज कई अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। जानकारों की मानें तो डायबिटीज के मरीजों को ब्रेन स्ट्रोक और नर्वस सिस्टम से जुड़ी गंभीर समस्याओं का खतरा भी बना रहता है। बताया जाता है कि अगर डायबिटीज के मरीज अपना ख्याल न रखें तो उनके शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं।
आंखें – हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो डायबिटीज के मरीजों के शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती चली जाती है। जिसकी वजह से हाइपरग्लाइसीमिया होने पर शुरुआत में नज़रें धुंधली होने लगती है। इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह एक समय के बाद कैटरेक्ट यानी मोतियाबिंद के रूप में बदल जाता है। आंख को प्रभावित करने वाली इस बीमारी को डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं।
स्किन इंफेक्शन – डायबिटीज के मरीजों को स्किन इंफेक्शन होने की संभावना बहुत अधिक रहती है। इसमें सेबोरिक केरेटोसिस यानी काले चकत्ते पड़ना, त्वचा में उभार आना और स्किन ड्राय पड़ना आदि शामिल है। इनसे बचने के लिए आलू, अरबी, कटहल, शकरकंद और केला का सेवन करने को मना किया जाता है। इसके अलावा डाइट में लिक्विड शामिल करने की सलाह दी जाती है।
किडनी – हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड और लो एचडीएल के साथ ही डायबिटीज भी किडनी की बीमारी होने की मुख्य वजह है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित 7% मरीजों में डायबिटीज की पहचान होने से पहले किडनी की बीमारी की शुरुआत का पता चल जाता है। किडनी की बीमारी से बचने के लिए डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखना चाहिए। साथ ही थोड़े-थोड़े समय के बाद किडनी की जांच करवानी चाहिए।
दिल – जिन लोगों को हाई ब्लड शुगर की शिकायत लंबे समय से है उनके दिल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज से नर्वस सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही इससे दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने की कोशिश करें और रोजाना एक्सरसाइज करें।