Diabetes Diet: डायबिटीज रोगियों के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो अपने रक्त शर्करा के स्तर पर निगरानी रखें। अगर ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है तो इससे मरीजों को कई दूसरी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। हाई ब्लड शुगर की वजह से डायबिटीज रोगियों को हार्ट डिजीज, स्किन संबंधी परेशानियां, नर्व डैमेज, पैरों से संबंधित समस्याएं और दूसरी परेशानियां हो सकती हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार भोजन के बाद कई लोगों के रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि देखने को मिलती है। इसे पोस्ट प्रैंडियल शुगर लेवल कहते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक शुगर में स्पाइक कई कारणों से देखा जाता है जैसे कि आप कितना खा रहे हैं, किस समय खाते हैं, क्या खा रहे हैं और दवा किस वक्त ले रहे हैं। हालांकि, डाइट से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान रखकर इस परेशानी को कम किया जा सकता है।
खाने का वक्त निर्धारित करें – विशेषज्ञों के अनुसार सुबह से हो मरीजों को अपन खानपान का ख्याल रखना चाहिए। खाने में मीठा, सफेद ब्रेड और उन फूड्स को शामिल न करें जो रक्त शर्करा को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। पहले से ही प्लान कर लेने से आप खाने का बेहतर चुनाव कर पाएंगे।
छोटा मील लें – कई न्यूट्रिशनिस्ट इस बात पर जोर देते हैं कि डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों को एक बार में ज्यादा खाने से बचना चाहिए। इससे अच्छा होगा कि वो कुछ देर के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाएं। ऐसा करने से रक्त शर्करा पर नियंत्रण बना रहेगा।
लो ग्लाइसेमिक फूड खाएं: एक्सपर्ट्स के मुताबिक भोजन में किन फूड्स को शामिल करना है, इसका चुनाव उनके जीआई वैल्यू को ध्यान में रखकर करना चाहिए। ग्लाइसेमिक इंडक्स उस संख्या को कहते हैं जो बताता है कि खाद्य पदार्थ का ब्लड शुगर पर कितना असर होगा।
कम करें कार्ब्स का सेवन: शुगर लेवल पर कार्ब्स का असर बहुत ज्यादा होता है, यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स मधुमेह रोगियों को कम कार्ब्स युक्त भोजन करने की सलाह देते हैं। उच्च मात्रा में प्रोसेस्ड कार्ब्स से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें, रोजाना कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट लेना, इसकी सूची बना लें।