Fatty Liver- फैटी लीवर एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें हमारे लीवर में अधिक मात्रा में फैट का जमाव हो जाता है। हमारे लीवर में थोड़ी मात्रा में फैट होता है जो कि सामान्य बात है लेकिन जब यह बढ़ जाता है तो हमें लीवर से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको चक्कर आना, पेट के बीच वाले हिस्से में दर्द, भूख न लगना, उल्टी आना, त्वचा का पीला पड़ना जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
फैटी लीवर और डायबिटीज़ में संबंध (Relation between Fatty Liver and Diabetes)- डाइबिटीज और फैटी लीवर की बीमारी का बेहद करीबी संबंध है। अगर किसी व्यक्ति को डाइबिटीज है तो उसे फैटी लीवर होने की संभावना बढ़ जाती है वहीं अगर किसी को फैटी लीवर की समस्या है तो उसे डायबिटीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे आंकड़े हैं कि टाइप 2 डाइबिटीज से ग्रसित आधे मरीजों को फैटी लीवर का सामना करना पड़ता है। और जब हमारे लीवर में फैटी लीवर की समस्या होती है तो शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, ऐसे में हमारे शरीर ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित नहीं रख पाता और हम मधुमेह यानि डायबिटीज़ के शिकार हो जाते हैं।
ऐसे करें बचाव- वजन कम रखें- वजन का बढ़ जाना कई बीमारियों को आमंत्रित करता है और डाइबिटीज, फैटी लीवर की एक बड़ी वजह ये भी है। फैटी लीवर का मुख्य कारण मोटापे को माना जाता है। अगर आप अपने फैटी लीवर और मोटापे को रोकने में सफल होते हैं तो टाइप 2 डाइबिटीज से बचा जा सकता है।
हेल्दी डाइट लें- हमारे मोटापे का सीधा संबंध हमारी डाइट से है। इसके लिए आप अपने खाने की खराब फूड हैबिट्स से दूर रहें और एक संतुलित आहार लें। खाने में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन वाले खाद्यान्नों को शामिल करें। पर्याप्त मात्रा में फल सब्जियां खाएं और अधिक मीठी चीज़ों से दूरी रखें।
स्मोकिंग और शराब छोड़ दें- शराब की आदत हमें मोटापे की ओर ले जाती है। फैटी लीवर का एक प्रमुख कारण शराब और धूम्रपान को माना जाता है। इसलिए शराब से दूरी बना लें और इनकी जगह कुछ हेल्दी आदतों को अपने जीवन में शामिल करें ताकि भविष्य में आपको इन बीमारियों से ग्रसित न होना पड़े।
एक्सरसाइज और योगा पर दें ध्यान- नियमित व्यायाम हमें कई बीमारियों से बचाए रखता है। इसके लिए जरूरी नहीं कि आप रोजाना जिम जाए बल्कि घर पर भी रोजाना कुछ मिनट व्यायाम से वजन को बढ़ने से रोका जा सकता है और फिट रहा जा सकता है। योगा करने से हम मानसिक तनाव से दूर रहते हैं और स्वस्थ बने रहते हैं।
बैड कोलेस्ट्रॉल और फैट को करें सीमित- लो डेंसिटी लाइकोप्रोटीन (LDL) यानि बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड को सीमित रखने का प्रयास करें। इससे डायबिटीज़ और फैटी लीवर की समस्या होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। अधिक वसा युक्त फूड्स के ज्यादा सेवन से बचें।