देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में एक बार फिर डेंगू (Dengue) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में तो इस जानलेवा बीमारी से पीड़ितों की संख्या 13,000 के पार पहुंच चुकी है। डेंगू एक वायरल बुखार है, जो कई मामलों में गंभीर हो सकता है। इसकी चपेट में आने पर पीड़ित का प्लेटलेट काउंट गिरने लगता है। वहीं, तेजी से कम होती प्लेटलेट कई बार मौत का कारण भी बन जाती हैं। अधिक परेशानी की बात यह है कि तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेने वाली इस जानलेवा बीमारी के लिए अब तक कोई खास इलाज या टीका भी नहीं हैं, ऐसे में रोगियों के लक्षणों को कम करने के लिए उन्हें सहायक उपचार ही दिया जाता रहा है। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने डेंगू के खिलाफ जंग में बड़ी सफलता हासिल कर ली है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने डेंगू के लिए एक खास दवा तैयार की है। वहीं, अच्छी बात यह है कि पहली बार इस जानलेवा बीमारी के लिए तैयार किसी दवा का ह्यूमन ट्रायल सफल रहा है। यूएस में किए एक छोटे ह्यूमन ट्रायल में इसके पॉजिटिव रिजल्ट देखने को मिले हैं।
बीते शुक्रवार को कंपनी द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार, JNJ-1802 नाम की ये दवा डेंगू के खिलाफ एंटीवायरल गतिविधि प्रदर्शित करने वाली पहली गोली है। इससे वैश्विक स्तर पर डेंगू के खतरों को कम करने में मदद मिल सकती है।
कैसे हुआ ह्यूमन ट्रायल?
जानकारी के अनुसार, JNJ-1802 को टेस्ट करने के लिए 10 वॉलेंटियर को शामिल किया गया था। इसके बाद शोधकर्ताओं ने जानबूझकर इन वॉलेंटियर को रोगजनकों से संक्रमित किया। हालांकि, इससे पहले उन्हें हाई डोज की ये गोली दी गईं। इसके बाद संक्रमित होने पर भी लगातार 21 दिनों तक ये उपचार चलता रहा।
तय समय बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि 10 में से 6 वॉलेंटियर के रोगजनकों के संपर्क में आने के बाद भी उनके ब्लड टेस्ट में डेंगू की पुष्टि नहीं हुई और ना ही उनमें संक्रमण के लक्षण देखने को मिले। ऐसे में कंपनी का कहना है कि अगर इस दवा को मंजूरी मिलती है, तो ये डेंगू के उपचार के लिए पहली खास दवा होगी। कंपनी के मुताबिक, दवा के पहले फेज का डेटा काफी आशाजनक है। इसी आधार पर अब इसके दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की योजना बनाई जा रही हैं।
कैसे करती है असर?
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ये दवा दो वायरल प्रोटीन की क्रिया को ब्लॉक करके काम करती है, जिससे वायरस शरीर में पहुंचने के बाद भी अपनी प्रतियां नहीं बना पाता है। ऐसे में इसके बढ़ने का खतरा कम हो जाता है और इस तरह आप डेंगू होने के खतरे से बच सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।