दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई बार लगातार कम हो रही प्लेटलेट्स की संख्या की अनदेखी करना आपको मुश्किल में भी डाल सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने लाइफस्टाइल में कुछ चीजों को जरूर शामिल करें। अब ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्लेटलेट्स कम होने के पीछे का कारण सिर्फ डेंगू है? या किसी अन्य बीमारी के कारण भी ऐसा हो सकता है। इसलिए बहुत जरूरी है कि आप पहले प्लेटलेट्स कम होने के कारण के बारे में जान लें।
डॉ. अमरेंद्र कुमार झा बताते हैं, ‘प्लेटलेट्स कम होने के बहुत सारे कारण होते हैं। कई बार नॉर्मल बुखार, टाइफाइड की स्थिति में भी प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं। इसके अलावा ब्लड टेस्ट भी मशीन के द्वारा किया जाता है तो कई बार 10 प्लेटलेट्स को 10 न गिनकर कई बार मशीन 1 गिन लेती है। ऐसी स्थिति में भी प्लेटलेट्स काउंट कम हो सकता है। तीसरा- आजकल लीवर की शिकायत वाले लोगों में भी प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। अप्लास्टिक एनीमिया से बोन मैरो पर प्रभाव पड़ता है और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है।’
कितनी प्लेटलेट्स होते हैं नॉर्मल? अमरेंद्र झा आगे बताते हैं, ‘आमतौर पर जितनी प्लेटलेट्स हमारे शरीर को चाहिए होते हैं उससे कई ज्यादा हमारे शरीर में मौजूद होते हैं। यदि हमारे शरीर में मौजूद प्लेटलेट्स की संख्या 50 हजार से ऊपर है तो हमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि इससे ज्यादा प्लेटलेट्स की जरूरत हमारे शरीर को नहीं होती है। यदि 20 हजार से कम हो रहा है तो मरीज को ब्लीडिंग की संभावना हो सकती है। 20 हजार से कम होने पर ही प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है।’
कैसे कर सकते हैं कंट्रोल: बकरी के दूध से प्लेटलेट्स बहुत ज्यादा नहीं बढ़ते हैं। लेकिन पपीते के रस से सबसे ज्यादा फायदा होता है। पपीते रोज़ाना खाएंगे तो इसका फायदा भी नजर आएगा। अगर मरीज का बुखार कम हो रहा है तो मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ती जाती है। किसी के प्लेटलेट्स कम आएं तो घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं है। यदि किसी को लीवर की शिकायत है तो प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं।