दुनिया भर में अभी कोरोना के मामले पूरी तरह से थमे नहीं हैं। भारत समेत कई देशों में अभी भी कोरोना का प्रकोप जारी है। चीन के टेक हब कहे जाने वाले शहर शेनझेन में जहां लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं तो वहीं पिछले सप्ताह ही चेंगदू में लगे लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है।बता दें कि कोविड को लेकर लगातार कई शोध भी किए जा रहे हैं। वहीं डबल्यूएचओ का कहना है कि भविष्य में कोरोना के और भी संक्रामक रूप आ सकते हैं।

वर्तमान में दुनिया भर के कई देशों में कोरोना अपने अलग-अलग रूपों में मौजूद है। इस समय अधिकांश देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट फैले हुए हैं। ओमिक्रॉन के कई सब वेरिएंट भी हैं, जिसमें से एक सब-वेरिएंट BA.5 को सबसे ज्यादा संक्रामक माना गया है। हाल ही में हुए के शोध के मुताबिक यह वेरिएंट दोबारा से इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ा रहा है।

शोध में हुआ चौकानें वाला खुलासा

अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने BA.5 वेरिएंट पर एक स्टडी की है। जिसमें कई चौकानें वाले खुलासे हुए हैं। शोध के मुताबिक यह वेरिएंट कोविड से संक्रमित होकर ठीक होने वाले लोगों को दोबारा से महीने भर के अंदर संक्रमित कर सकता है। यानी अगर कोई व्यक्ति आज संक्रमित होता है तो एक महीने बाद ही वह दोबारा कोविड पॉजिटिव हो सकता है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने कोविड से बचाव की सलाह दी है।

इस वैरिएंट के खिलाफ कारगर नहीं है इम्युनिटी

वहीं शोधकर्ताओं के मुताबिक Omicron के BA.5 सब-वेरिएंट के बारे में जानकारों का कहना है कि इस वेरिएंट में सबसे ज्यादा दोबारा से इन्फेक्टेड होने वाले मरीजों के केस देखे गए हैं। इसके साथ ही जानकारों का कहना है कि यह वेरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित कर रहा है जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों खुराकें ले रखी हैं। बताया जा रहा है कि इस वेरिएंट पर व्यक्ति के इम्युनिटी का कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है।

कुछ सप्ताह के बाद दोबारा हो सकते हैं संक्रमित

हर कुछ हफ्तों के बाद कोई व्यक्ति इससे कोविड पॉज़िटिव हो सकता है। यानी अगर हर कुछ हफ्तों के बाद किसी में फ्लू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो वह कोविड संक्रमित हो सकता है। इस संबंध में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एंड्रयू रॉबर्टसन (डॉ एंड्रयू रॉबर्टसन पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विभाग में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और सहायक महानिदेशक हैं।) ने कहा कि पहले कहा जा रहा था कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी हैं; उन्हें कोरोना नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं है।

डॉ एंड्रयू के मुताबिक इन सबके बावजूद इस वैरिएंट से बहुत ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है। चूंकि इससे संक्रमित होने के बाद भी व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। इस वायरस से इन्फेक्ट होने बाद हॉस्पिटल पहुंचने वालों की संख्या बहुत कम है। लोगों में फ्लू जैसे लक्षण दिख रहे हैं और वे तीन से चार दिन में ठीक हो जाते हैं। अस्पतालों में सिर्फ वही लोग भर्ती हो रहे हैं, जो पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित हैं।

देश में घट रहे कोविड के मामले

देश में कोरोना के नए मामले लगातार कम होते जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में 5379 नए मामले दर्ज किए गए हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या घटने के साथ सकारात्मकता दर (Positivity Rate) भी घट रही है। देश में अब तक कोरोना के 4 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।