Coronavirus Symptoms: कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ रहा है, इस घातक वायरस से दुनिया भर में लगभग 190 देश जूझ रहे हैं। अब तक 4.7 मिलियन से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं भारत में भी ये संख्या 90 हजार पार कर चुकी है। ये घातक वायरस जैसे-जैसे लोगों में फैल रहा है, इससे जुड़े कई नए लक्षण सामने आ रहे हैं। हालांकि, इस बीमारी से जुड़े सभी नई जानकारी को WHO समय-समय पर लोगों से साझा कर रही है। शुरुआत में जहां केवल खांसी या बुखार को ही कोरोना वायरस के लक्षणों में शामिल किया गया था, वहीं अब तक इसके 7 से 8 नए लक्षणों के बारे में बताया गया है। बोलने में दिक्कत भी इन्हीं में से एक है-
बोलने में परेशानी है तो न करें नजरअंदाज: विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि कि WHO के विशेषज्ञों की मानें तो अगर संक्रमितों को बोलने में परेशानी हो रही है तो ये कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को बोलने में दिक्कत के साथ ही चलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो उसे तुरंत ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए। WHO के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित कई लोगों में सांस संबंधी परेशानी और बोलने या चलने में दिक्कत होना इस बीमारी के गंभीर लक्षणों में शामिल हैं।
वैक्सीन को लेकर ये दी जानकारी: कोरोना वायरस से इलाज के लिए दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे टीके को लेकर भी WHO ने बताया। इसके अनुसार, कोविड-19 से लड़ने के लिए पूरी दुनिया में 8 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के स्टेज पर हैं। वहीं, 110 टीके ऐसे हैं जो विकास के अलग-अलग स्टेज पर हैं। बता दें कि अमेरिका और चीन जैसे देशों ने इस बात की घोषणा कर दी है कि वैक्सीन कब तक बनकर तैयार हो जाएगा। अब तक कोरोना वायरस से दुनिया भर में 3 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इस बीच चीन के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया है कि मार्च 2021 तक वो कोरोना वायरस से इलाज के लिए टीका बनाने में सफल हो जाएंगे। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की मानें तो इस साल के अंत तक वहां वैक्सीन तैयार हो जाएंगी।
CDC ने ये बताए थे लक्षण: इससे पहले सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानि कि CDC ने ठीक से टेस्ट या स्मेल नहीं कर पाना, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, ठंड से शरीर कंपकपाना, गले में खराश और सिरदर्द जैसी समस्याओं को कोरोना वायरस के लक्षणों में शामिल किया है। इसके अलावा, पिंक आई या कंजंक्टिवाइटिस को भी इस घातक वायरस का एक लक्षण माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि ये वायरस केवल रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स से ही नहीं बल्कि नेजल व आई फ्लूइड्स से भी अपना संक्रमण दूसरों में फैला सकता है।