Coronavirus in India: कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। अब दुनिया के करीब 190 देश इस वायरस की जद में हैं। अब तक दुनिया भर में साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग COVID-19 से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 16 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मंगलवार को कुल पॉजिटिव केसेज की संख्या बढ़कर करीब 500 हो गई, जबकि 10 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

कोरोना वायरस को लेकर खौफ के माहौल के बीच कहीं लॉक डाउन, कहीं बैन तो कहीं जागरुकता के जरिये इससे निपटने का प्रयास किया जा रहा है। इस बीच WHO समेत तमाम देशों के वैज्ञानिक और संस्थान कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) बनाने में जुटे हैं। हालांकि अभी तक किसी को भी सफलता नहीं मिल पाई है। ‘The Guardian’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर की कम से कम 35 कंपनियां और एकेडमिक इंस्टीट्यूट्स वैक्सीन बनाने के काम में लगे हैं।

वैक्सीन आने में क्यों हो रही है देरी?

दुनिया के तमाम देशों के वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन इजाद करने में जुटे हैं और क्लिनिकल ट्रायल का दौर जारी है। हालांकि यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें कई महीनों का वक्त लगता है। किसी भी वैक्सीन का पहले जानवरों पर परीक्षण होता है और फिर मानव पर। कोरोना वायरस के वैक्सीन की बात करें तो कई देशों में जानवरों पर क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है। पिछले हफ्ते अमेरिका में मानव पर भी वैक्सीन के ट्रायल की खबर आई थी।

कब तक मार्केट में आएगी वैक्सीन? विशेषज्ञों का कहना है कि क्लिनिकल ट्रायल में यदि वैक्सीन सफल रहती है और इसके सकारात्मक नतीजे दिखते हैं तो भी वैक्सीन के मास प्रोडक्शन में 8-10 महीने का वक्त लग सकता है। कहने का मतलब यह है कि सब कुछ ट्रायल के उपर निर्भर है। अगर अगले कुछ हफ्तों के अंदर क्लिनिकल ट्रायल सफल रहा तो मार्केट में आठ से दस महीने के अंदर COVID-19 का टीका आ सकता है। उधर, BBC की एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों के हवाले से दावा किया गया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन आने में साल भर का वक्त लग सकता है।

वैक्सीन के बिना दूसरा रास्ता क्या?  विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक कोरोना वायरस का टीका ईजाद नहीं हो जाता है, तब तक मानव स्वभाव में परिवर्तन यानी बिहैवियर चेंज ही इससे निपटने का एकमात्र रास्ता दिखाई दे रहा है। उदाहरण के तौर पर आइसोलेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई जैसे तमाम उपायों का कड़ाई से पालन करना ही होगा।