हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार, रोगी के शरीर में कोरोनरी कैल्शियक के स्तर को मांप कर कोरोनरी डिजीज जैसे धमनियों का ब्लॉक होना और हार्ट अटैक के खतरे का पताया लगाया जा सकता है। इस स्टडी को अमेरिकन हार्ट असोसिएशन साइंटिफिक सेशन्स 2018 में प्रस्तुत किया गया था। गौरतलब है कि दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।

शोध में इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट द्वारा 1107 रोगियों पर अध्ययन किया गया। इन रोगियों में पहले से कोई कोरोनरी डिजीज की पहचान नहीं की गई थी। इनकी जांच करने के लिए पेट-स्ट्रेस टेस्ट(PET-stress test) किया गया था।

साथ ही कोरोनरी कैल्शियम को मांपने के लिए पेट/सीटी टेस्ट किया गया था। कोरोनरी कैल्शियम और उनके मेडिकल रिकॉर्ड में दिए गए जोखिम कारकों के आधार पर, तीन अलग एथरोस्क्लेरोटिक कार्डियोवैस्कुलर डिजीज रिस्क स्कोर्स को देखा गया।

शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि कोरोनरी आर्टरी कैल्शियम स्कोर यानी एमईएसए और कोरोनरी कैल्शियम रिस्क स्कोर दोनों ही कोरोनरी आर्टरी डिजीज की पहचान करने में अधिक सक्षम थे जबकि पूल्ड कोहोर्ट इक्वेशन( जैसे उम्र, लिंग, रक्तचाप, और कोलेस्ट्रॉल जैसे कारक) द्वारा इन बीमारियों की पहचान करना थोड़ा कठिन होता है

डॉ जेफरी एल एंडरशन ने कहा, ‘धमनियों में मौजूद कैल्शियम इस बात को साफ नहीं करता है कि प्लाक किस हद तक जमा हुआ है लेकिन यह बता सकता है कि बीमारी की उपस्थिति को बता सकता है। ये परिणाम बताते हैं कि कोरोनरी कैल्शियम अनुमानों में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है।’