आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में पान के पत्ते (Betel Leaf) को बेहतरीन औषधि माना जाता है। भारत समेत कई एशियाई देशों में इसकी अहमियत ज्यादा है। पान के पत्ते का इस्तेमाल अक्सर लोग पूजा-पाठ में करते हैं। इस पत्ते का सेवन कत्था, चूना और सुपारी लगाकर आमतौर पर किया जाता है। सदियों से खाने के बाद पान खाने का चलन रहा है। माना जाता है कि खाने के बाद पान को चबाने से खाना आसानी से और जल्दी पच जाता है। पान का पत्ता पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी मौजूद होता है जो पाचन को दुरुस्त करता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पान का पत्ता सेहत पर किसी दवा से कम असर नहीं करता।
सदगुरु जग्गी वासुदेव के मुताबिक पान के पत्ते का सेवन करने से न्यूरोलॉजिकल सिस्टम दुरुस्त रहता है। पान के पत्तों में कई पोषक तत्व होते हैं जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र (न्यूरोलॉजिकल सिस्टम) को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। इस पत्ते का सेवन खाने के बाद किया जाए तो पाचन ठीक रहता है।
पेट से जुड़ी परेशानियों जैसे गैस,एसिडिटी और अपच को दूर करने के लिए ये पत्ता जादुई असर करता है। आइए जानते हैं कि पान का पत्ता कैसे न्यूरोलॉजिकल जटिलता को दूर करता है और इसका सेवन करने से पाचन को कैसे फायदा होता हैं।
पान का पत्ता कैसे पाचन को करता है दुरुस्त
देवी को चढ़ाया जाने वाला पान का पत्ता अगर खाने के बाद खाया जाए तो पाचन को दुरुस्त किया जा सकता है। पान का पत्ता बेहतरीन पाचक है जिसकी प्रकृति क्षारीय होती है। अगर आपने खाने में कुछ विषैला खा लिया है और उसके बाद पान का पत्ता खा लिया तो ये पत्ता उस विषाक्ता को निष्क्रिय कर देगा। इस पत्ते को खाने से कोई भी अम्लीय जहर बेअसर हो जाता है। आप जानते हैं कि इस पत्ते में सांप का जहर भी काफी हद तक कम करने के गुण मौजूद हैं।
खाने के बाद पान के पत्ते का सेवन करने से आपका पेट ठीक रहता है। सदगुरु ने बताया पान का पत्ता तभी काम का है जब इसका पत्ता कम से कम एक इंच का हो। अगर आप इसे ज्यादा पास से काट देते हैं तो इसमें उसके गुण मौजूद नहीं रहते। पान का सेवन लोग सुपारी कत्था और चूना लगाकर उसे स्वादिष्ट बनाकर करते हैं। आप भारी खाना खाने के बाद पान के पत्ते का सेवन करें तो पाचन से जुड़ी दिक्कत कम होगी।
पान का पत्ता कैसे न्यूरोलॉजिकल परेशानियों को करता है दूर
एंटीऑक्सिडेंट्स गुणों के कारण पान का पत्ते तंत्रिका तंत्र को शुद्ध करने और कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में सहायक होते हैं, जिससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर बनी रहती है। पान के पत्ते का सेवन करने से न्यूरोलॉजिकल परेशानियों का इलाज होता है। ये मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इसका सेवन करने से मानसिक सेहत दुरुस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है। इस पत्ते को रोज चबाने से मानसिक सेहत दुरुस्त रहती है और मूड बेहतर होता है। याददाश्त को बेहतर बनाने में ये पत्ता असरदार साबित होता है। पान के पत्ते में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स मस्तिष्क की कोशिकाओं की हिफाजत करते हैं और न्यूरोप्लास्टिसिटी को बढ़ाते हैं।