कब्ज एक आम समस्या है, जो कभी भी किसी को भी हो सकती है। खराब डाइट, असंतुलित जीवनशैली, तनाव और कुछ दवाओं का सेवन इसका मुख्य कारण हैं। जिन लोगों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है, उन्हें इसके साथ कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है जैसे गैस, आंतों में सूजन, पेट दर्द, मल त्याग में कठिनाई, एसिडिटी और कभी-कभी पाइल्स तक की शिकायत।
आयुर्वेद के अनुसार, कब्ज का इलाज प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों से संभव है। इसे दूर करने के लिए सुबह जल्दी उठें, प्राणायाम करें, दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें और कुछ प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन करें। कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं बिगड़ते पाचन तंत्र के स्पष्ट संकेत हैं। अगर इन लक्षणों को समय रहते नहीं सुधारा जाए तो भविष्य में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं के एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक पेट की सफाई और पाचन तंत्र में सुधार के लिए आप कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। सुबह जल्दी उठने की आदत डालें biological clock बैलेंस रहता है। डाइट में हल्का और फाइबर युक्त आहार शामिल करें आंतों पर दबाव कम होगा और मल त्याग आसान होगा। कुछ देसी तरीकों को अपनाकर आप आसानी से पेट की सफाई कर सकते हैं और आंतों को क्लीन कर सकते हैं। आंतों को साफ करने के लिए आप बेलपत्र का सेवन करें। बेलपत्र आंतों की सफाई करके उन्हें स्वस्थ रखता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में भी मददगार है। आइए जानते हैं कि बेल पत्र का सेवन करने से कैसे कब्ज दूर होता है।
बेल पत्र कैसे कब्ज का करता है इलाज
बेल पत्र (Bael Patra) आयुर्वेद में एक अत्यंत प्रभावशाली औषधीय पत्ता माना गया है, खासकर कब्ज और पाचन तंत्र की समस्याओं के इलाज में। बेलपत्र में रेचक गुण (laxative properties) मौजूद होती है जो आंतों की गति को एक्टिव करती है और मल सॉफ्ट हो जाता है और पुरानी से पुरानी कब्ज भी दूर होती है। इन पत्तों का सेवन करने से मल पेट में सड़ता नहीं है बल्कि बाहर निकलता है। ये पत्ते पाचन अग्नि को तेज करते हैं जिससे खाना जल्दी पचता है।
इन्हें अगर रोज चबा लिया जाए तो खाना पेट में सड़ता नहीं है बल्कि पचता है। ये पत्ते आंतों को डिटॉक्स करते है और गट हेल्थ में सुधार करते हैं। आंतों की सूजन कंट्रोल करने में बेलपत्र बेहद असरदार साबित होते हैं। इनका सेवन करने से ब्लॉटिंग कंट्रोल होती है और आंतों की सूजन भी कम होती है। रोजाना बेलपत्र का सेवन करने से पेट की गैस, एसिडिटी और अपच से राहत मिलती है। बेलपत्र वात को शांत करता है, जिससे मल मार्ग में रुकावट नहीं होती।
बेल पत्र का सेवन करने से सेहत पर कैसा होता है असर
आयुर्वेद में बेलपत्र को एक दिव्य औषधि माना गया है, जो कई शारीरिक समस्याओं को जड़ से ठीक करने में सहायक होता है। इसका नियमित सेवन न केवल पाचन तंत्र को मजबूत करता है, बल्कि ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित रखने में भी मदद करता है। बेलपत्र में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर को भीतर से शुद्ध करते हैं। इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में सुधार होता है, जिससे दिल की सेहत बेहतर बनी रहती है। ये पत्ते दिल को हेल्दी रखते हैं।
आप बेलपत्र को धोकर छाया में सुखाएं और उसका पाउडर बनाकर रोज सुबह एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ सेवन करें आपको फायदा होगा। बेलपत्र का सेवन उसका 5–10 ml रस निकालकर कर सकते हैं। बेलपत्र को काढ़ा बनाकर पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। बेलपत्र को प्रसाद की तरह ग्रहण करना न सिर्फ एक आध्यात्मिक अभ्यास है, बल्कि यह शरीर को रोगमुक्त बनाए रखने का एक प्राकृतिक तरीका भी है।
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