सर्दी में यूरिक एसिड के मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती है। इस मौसम में घुटनों, पैर की हड्डियों, कलाइयों और कमर का दर्द बेहद परेशान करने लगता है। इस मौसम में अगर डाइट का ध्यान नहीं रखा जाए तो तेजी से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। सर्दी में लोग हाई कैलोरी और हैवी फूड जैसे मांस, सी फूड, प्रोसेस्ड और फ्राइड फूड, प्यूरिन युक्त सब्जियां, शराब और मीठे फूड का ज्यादा सेवन करते हैं। ये सभी फूड तेजी से यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाते हैं। प्यूरीन से भरपूर ये फूड हाथ-पैरों में जोड़ों का दर्द बढ़ाते हैं।
जिन लोगों की बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर हाई है अगर वो इसे लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं करते तो उनकी बॉडी में यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा होने लगते हैं और गाउट का खतरा बढ़ाते हैं। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई है वो डाइट में कम प्यूरीन वाले फूड्स का सेवन करें। डाइट में साबुत अनाज और कम वसा वाले फूड्स का सेवन करें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, वजन को कंट्रोल करें। मोटापा यूरिक एसिड बढ़ा सकता है उसे कंट्रोल करें।
आम तौर पर यूरिक एसिड का स्तर 3.5 से 7.2 mg/dl के बीच होना चाहिए लेकिन अगर यह बढ़ जाता है तो अंग-अंग में दर्द करता है। कुदरत ने हमें कुछ ऐसे फूड दिए है जिनका सेवन अगर रोजाना किया जाए तो आसानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है।
डॉक्टर भूषण रिसर्च लैब आयुर्वेदिक हेल्थ सॉल्यूशन में डॉक्टर भूषण ने बताया अगर आपका यूरिक एसिड हाई है तो आप खास जूस का सेवन करें। कुछ सब्जियों का जूस यूरिक एसिड के स्तर को आसानी से कंट्रोल कर सकता है और बॉडी में कमी को पूरा कर सकता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे जूस हैं जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करते हैं।
आंवला जूस (Amla Juice) से करें यूरिक एसिड का इलाज
विटामिन सी से भरपूर आंवला जूस यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करने में बेहद असरदार साबित होता है। विटामिन सी से भरपूर आंवला यूरिक एसिड के क्रिस्टल को तोड़ता है और किडनी इस अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करके यूरिन के जरिए बॉडी से बाहर निकाल देती है। विटामिन सी रिच फूड का सेवन करने से गाउट का खतरा टलता है। आंवला में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में सूजन और दर्द को कंट्रोल करते हैं। ये जूस बेहतरीन डिटॉक्स जूस है जो बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम करता है।
गाजर और चुकंदर के जूस का करें सेवन (Carrot and Beetroot Juice)
सर्दी में गाजर और चुकंदर बेहद मौजूद होता है। इस मौसम में इन दो सब्जियों का जूस पीने से अंग-अंग को ताकत मिलती है। गाजर और चुकंदर के जूस में ऐसे पोषक तत्व और गुण होते हैं जो शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हैं और किडनी की सेहत में सुधार करते हैं। गाजर और चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो शरीर से अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
चुकंदर में मौजूद बेटेन और गाजर में मौजूद पोटैशियम जैसे पोषक तत्व किडनी की सेहत को बेहतर बनाते हैं और यूरिक एसिड को असरदार तरीके से कंट्रोल करते हैं। गाजर और चुकंदर प्यूरीन के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, जिससे यूरिक एसिड का उत्पादन कम होता है। इस जूस में एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो गाउट के खतरे को टालते हैं। इसका सेवन करने से दर्द और सूजन कंट्रोल रहती है।
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