मौसम के बदलते मिजाज के कारण वायरल संक्रमण से होने वाली बीमारियां अब आम हो चली हैं। मानसून में अक्सर लोगों को आंखों में जलन, खुजली, लाल हो जाना, या सूजन जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ता है। ऐसी समस्याएं संक्रमण से पनपती हैं। इस दौरान आंखों की देखभाल के लिए विशेष सावधान रहने की जरूरत होती है। आंखों की इसी समस्या और उपाय के बारे में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैन ने कुछ हेल्थ टिप्स दिए हैं जिसे हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं-
क्या है “कंजक्टिवाइटिस”?
कंजक्टिवाइटिस( नेत्रश्लेष्मलाशोथ) यानी गुलाबी आंख, डॉ राजकुमार बताते हैं- इस तरह की बीमारी ज्यादातर बारिश के मौसम में होती है। इस मौसम में हवा बैक्टीरिया और वायरस से भर जाती है, क्योंकि इस मौसम में हवा में नमी की मात्रा भी बढ़ जाती है। जिसकी वजह से यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इससे हमारी आंखों में सूजन के साथ जलन एवं दर्द का होना और लाल हो जाना, गुलाबी आंख का कारण हो सकता है। बारिश के मौसम में बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण भी ऐसी दिक्कतें आ सकती हैं। इस दौरान आंखों के संक्रमण की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए और जितनी जल्दी हो सके चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार उपचार करना चाहिए।
कंजक्टिवाइटिस यानी गुलाबी आंख से कैसे बचे?
डॉ राजकुमार ने आंखों की देखभाल के लिए कुछ आसान से उपाय भी साझा किए हैं-
1. अपने हाथों को धोना न भूलें और आंखों के संक्रमण को दूर रखने के लिए हाथ से आंखों को छूने से बचें। आंखों को उंगलियों से रगड़ने से बचें, क्योंकि उनमें कीटाणु होते हैं और इससे संक्रमण हो सकता है।
2. अपने तौलिये या रुमाल किसी के साथ साझा न करें।
3. आंखों में एलर्जी या संक्रमण होने पर आंखों का मेकअप बिलकुल न करें।
4. अपनी आंखों में किसी भी ऐसे केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें, जो नुकसानदेह हो।
5. पलकों को बार बार झपकाएं जिससे आंखों में पर्याप्त नमी बनी रहे। खूब पानी पिएं, और 20-20-20 के नियम का पालन करें – यानी हर 20 मिनट के बाद आपको अपनी आंखों को आराम देने के लिए अपनी आंखों को 20 फीट दूर किसी चीज पर केंद्रित करने के लिए 20 सेकंड का ब्रेक लेने की जरूरत है।
6. घर से बाहर निकलते समय धूप के चश्मे का प्रयोग करें। अपनी आंखों को बारिश के पानी के संपर्क में आने से बचें क्योंकि यह कीटाणुओं और बैक्टीरिया से भरा होता है।
7. किसी भी दूषित सतह जैसे दरवाजे के हैंडल, नल, फर्नीचर, या काउंटर टॉप्स को छूने के बाद तुरंत अपनी आंखों को न छुएं।
8. डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार आई ड्रॉप या लुब्रिकेंट का प्रयोग करें।
इसके आगे डॉ जैन ने बताया कि “ओवर-द-काउंटर उत्पादों का उपयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। सावधान रहें और अपनी आंखों का ख्याल रखें.
NOTE: उपरोक्त लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसका उद्देश्य पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अपने स्वास्थ्य या किसी चिकित्सकीय स्थिति में अपने किसी भी अपने चिकित्सक या अन्य योग्य स्वास्थ्य पेशेवर का मार्गदर्शन लें।