ओरल हेल्थ यानी मुंह की सेहत बिगड़ने के कई कारण होते हैं, जो धीरे-धीरे दांतों, मसूड़ों और पूरे मुंह को नुकसान पहुंचाते हैं। मुंह की सही तरह से सफाई नहीं करने से या फिर गलत तरीके से ब्रश करने से दांतों की एनामेल को नुकसान पहुंचता है और मसूड़ों में सूजन आने लगती है। मुंह की ठीक से सफाई नहीं करने से दांतों पर प्लाक की परत और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं, जो बदबू, कैविटी और मसूड़ों की बीमारी का कारण बनते हैं। ज्यादा जंक फूड्स और मीठे फूड्स का सेवन करने से दांतों पर एसिड बनता हैं जिससे दांत कमजोर और पीले पड़ जाते हैं। धूम्रपान और तंबाकू का सेवन, पानी कम पीने से लार की कमी हो जाती है जिससे बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं जिससे बदबू, कैविटी और इनफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

हार्मोनल बदलाव और कुछ दवाओं के कारण मसूड़ों में सूजन और खून आने की समस्या बढ़ सकती है। अगर लंबे समय तक डेंटिस्ट से चेकअप नहीं कराया जाए तो ये छोटी-छोटी समस्याएं आगे चलकर बड़ी ओरल बीमारियों का रूप ले सकती हैं। यदि आपकी ओरल हेल्थ भी लगातार खराब हो रही है और आप बार-बार डेंटिस्ट के पास जाने से बचना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा सुझाई गई इन हर्बल पत्तियों से बना मंजन इस्तेमाल करें। यह प्राकृतिक मंजन आपके मसूड़ों को मजबूत बनाएगा, दांतों की चमक बढ़ाएगा और मुंह की दुर्गंध जैसी समस्याओं से राहत देगा।

आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया अगर आपके दांतों में दर्द रहता है, मसूड़ों से खून आता है, मुंह से बदबू आती है या बार-बार छाले हो जाते हैं तो आप चिरचिटा का इस्तेमाल करें। चिड़चिड़ा या चिरचिटा (Apamarga) यह एक बेहद सामान्य लेकिन औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, जो घरों के आसपास या सड़क किनारे आसानी से मिल जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस पौधे के पत्ते कैसे दांतों से जुड़ी परेशानियों का इलाज करते हैं।  

चिरचिटा पौधे के पत्ते कैसे दांतों से जुड़ी परेशानियों का इलाज करते हैं?  

चिरचिटा के पत्तों में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को मारते हैं। इससे कैविटी, बदबू और मसूड़ों की सूजन जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व मसूड़ों में आई सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इसके पत्ते चबाने या पेस्ट लगाने से ब्लीडिंग गम्स में फायदा मिलता है। चिरचिटा में मौजूद खनिज तत्व दांतों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और एनामेल को सुरक्षित रखते हैं।

इससे दांत टूटने या हिलने की समस्या कम होती है। इसके पत्तों में नेचुरल डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं जो मुंह से आने वाली दुर्गंध को खत्म करते हैं और ओरल कैविटी को साफ करते हैं। चिरचिटा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं जो फ्री रेडिकल्स को खत्म कर माउथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में सहायक होते हैं।

चिरचिटा का इस्तेमाल मंजन और माउथवॉश दोनों तरह से किया जा सकता है।  एक रिसर्च के अनुसार चिरचिटा के अर्क से बने माउथवॉश का इस्तेमाल करने से मुंह के बैक्टीरिया की संख्या कम होती है और ओरल इंफेक्शन से बचाव होता है।

चिरचिटा पौधे के पत्तों को कैसे करें इस्तेमाल

माउथवॉश के रूप में करें यूज

एक कप पानी में चार पत्तियां डालकर उबाल लें। ठंडा होने पर इस पानी से सुबह-शाम कुल्ला करें। ये पानी बेहतरीन माउथवॉश का काम करेगा। इससे कुल्ला करने से मुंह की बदबू दूर होगी, मसूड़ों से खून आना भी कंट्रोल होगा।

टूथपेस्ट में मिलाकर करें इस्तेमाल

चिरचिटा की पत्तियों का पाउडर किसी भी टूथपेस्ट में एक चुटकी मिलाकर रोज ब्रश करें। इस हर्बल टूथ पेस्ट से दांतों को साफ करने से पीले दांत सफेद होंगे और दांतों के बैक्टीरियां दूर होंगे।

पत्तियां चबाकर खाएं

रोजाना खाली पेट तीन पत्तियां चबाएं, इससे दांतों की सेंसिटिविटी और मसूड़ों के दर्द में तुरंत आराम मिलती है। ये पत्तियां औषधीय गुणों से भरपूर होती है जो ओरल हेल्थ में सुधार करती है।

पेस्ट बनाकर दांतों पर लगाएं

चिरचिटा की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और मसूड़ों पर हल्के हाथों से मसाज करें। दिन में एक बार इस पेस्ट से दांतों को साफ करने से दांत मजबूत होंगे, गम से जुड़ी दिक्कते दूर होंगी और दांत मजबूत होंगे। चिरचिटा एक ऐसा साधारण-सा पौधा है जो दांत, मसूड़े और मुंह की लगभग हर समस्या को जड़ से ठीक करने में मदद करता है। चाहे दांतों में दर्द हो, बदबू, कीड़ा लगना या बार-बार छाले होना इन सभी में यह पौधा बेहद असरदार माना गया है।

सर्दी में सिर्फ 1 महीने पी लें ये जूस स्किन दिखने लगेगी जवान, बॉडी में भर जाएगा लबालब खून, जानिये इस मैजिकल रस के फायदे। पूरी जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।