Pneumonia: भारत में हर साल करीब 3.7 लाख बच्चों की मौत निमोनिया बीमारी से होती है। ये संख्या दुनिया भर में निमोनिया से होने वाली मौतों का करीब 50 फीसदी है। निमोनिया एक रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर है जो जिसके कारण फेफड़ों के एयर सैक में सूजन हो जाती है। इन एयर सैक को आमतौर पर एल्वियोली के रूप से जाना जाता है जो फ्लूइड या पस से भरी होता है जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है और बुखार, खांसी और ठंड लगने जैसी परेशानी भी हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार छोटे बच्चों में ये बीमारी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।
क्या होता है निमोनिया: निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है। इसके मुख्य कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगस इंफेक्शन होते हैं। इससे लोगों को कफ, बुखार, सांस लेने में परेशानी और शरीर में कंपकंपाहट होने लगती है। विशेषज्ञों के अनुसार अलग-अलग प्रकार के बैक्टीरिया से ये बीमारी होती है। वायरल निमोनिया कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर स्थिति बेहतर न हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
जानिये लक्षण: निमोनिया के मरीजों को आमतौर पर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ये एक रेस्पिरेटरी डिसॉर्डर है जिसके होने से सांस संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। सिरदर्द से लेकर बुखार तक, इस बीमारी से पीड़ित लोगों में अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं। कई सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं –
– सांस लेने में तकलीफ होना
– थकान और कमजोरी महसूस होना
– बुखार
– कफ के कारण बलगम हो जाना
– पसीना आना
– उल्टी और मिचली
– सीने में दर्द या बेचैनी
– सिरदर्द
– भूख ना लगना
क्यों होती है समस्या: हवा में कुछ जीवाणु पाए जाते हैं जो सांस के माध्यम से लोगों के शरीर में घुस जाते हैं। आमतौर पर शरीर खुद के बचाव हेतु इन वायरस और बैक्टीरिया से फेफड़ों को संक्रमित होने से रोकते हैं। परंतु कुछ मामलों में ये रोगाणु रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर छोड़ते हैं।
कैसे करें बचाव: मरीजों को सलाह दी जाती है कि निमोनिया के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए। 2 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन जरूर दिलाएं क्योंकि छोटे बच्चों में इससे संक्रमित होने का खतरा अधिक रहता है। खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रॉपर हाईजिन जरूरी है, साफ-सफाई से संक्रमण से दूर रहने में मदद मिलती है। पर्याप्त नींद लें, व्यायाम करें और स्वस्थ खानपान का सेवन करें।