चिकनपॉक्स जिसको चेचक भी कहा जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार यह एक सामान्य बीमारी है जो कि वैरिसेला जोस्टर नामक वायरस के कारण हो जाती है। बता दें कि चिकनपॉक्स की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन अधिकतर यह बीमारी बच्चों व युवाओं में देखने को मिलती है। साथ ही चिकनपॉक्स होने पर शरीर पर लाल रंग के छोटे -छोटे दाने उभरने लगने लगते हैं और जिनमें कई बार मवाद भी बन जाती है।

बता दें कि यह बीमारी अक्सर गर्मी या बरसात के मौसम में ज्यादा होती है साथ ही इस बीमारी में मरीज को तेज बुखार भी हो जाता है। इसलिए चिकन पॉक्स से पूरी तरह ठीक होनेमें मरीज को लगभग 10 से 15 दिन का समय लग जाता है।

हालांकि चिकनपॉक्स ठीक होने के बाद भी शरीर और चेहरे पर कुछ निशान व दाग-धब्बे रह जाते हैं और जिन्हें पूरी तरह ठीक होने में कम से कम 5 से 6 महीनों का समय लग जाता है। लेकिन अगर शुरुआती दौर में ही इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं चिकनपॉक्स के लक्षणों और इससे बचने के उपायों के बारे में-

चिकन पॉक्स के लक्षण

  • चेहरे व शरीर के अन्य हिस्सों में दाने निकल आना।
  • हाथों-पैरों व चेहरे की स्किन का लाल हो जाना।
  • तेज बुखार व सिर में दर्द होना।
  • शरीर में खुजली लगना और कमजोरी महसूस होना।
  • शरीर में चकत्ते हो जाना।

चिकन पॉक्स से ऐसे कर सकते हैं बचाव

बता दें कि चिकनपॉक्स हो जाने अपर मरीज की सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। वैसे तो चिकनपॉक्स एक सामान्य बीमारी है लेकिन क्या आप जानते हैं अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह बीमारी मरीज में विकलांगता, अंधा होना व मरीज की मौत का कारण भी बन सकती है।

इसलिए चिकनपॉक्स को हल्के में बिल्कुल न लें और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। बच्चों को चिकनपॉक्स के खतरे से बचाने के लिए टिका भी लगवा सकते हैं। बता दें कि इस बीमारी में वैरीसेला नामक वैक्सीन लगाई जाती है और इस वैक्सीन की 2 डोज लगाई जाती है।

इसके अलावा चिकनपॉक्स से बचने के लिए आप डॉक्टर बताई गयी एंटी-वायरल दवाओं का सेवन भी कर सकते हैं। इसके अलावा साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें और शरीर पर हो रहें दानों को छूने से बचे क्योंकि दानों को छूने से संक्रमण तेजी से फैलता है।