Chandra Grahan November 2020: साल 2020 का आखिरी चंद्रग्रहण कल 30 नवंबर, सोमवार को लगेगा। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरुपर्व भी मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती की वजह से इस चंद्रग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जा रहा था। हालांकि, ये एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। बता दें कि जानकारों ने इसे पूर्ण रूप रूप से ग्रहण की मान्यता नहीं दी है। इस तरह के ग्रहण में चंद्रमा की केवल छाया ही पृथ्वी पर आ पाएगी। ग्रहण का नाम सुनते ही लोगों के मन में कई ख्याल आने लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान कई कार्य वर्जित होते हैं जिन्हें करने से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

हालांकि, ऐसा माना जाता है कि उपच्छाया चंद्रग्रहण का बहुत अधिक प्रभाव मानव जीवन पर नहीं पड़ता है। लेकिन फिर भी स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं चंद्रग्रहण किस तरह सेहत को प्रभावित करता है।

गर्भवती महिलाओं को रहना चाहिए अधिक सतर्क: विद्वान कहते हैं कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। साथ ही, उन्हें ग्रहण देखने से भी मनाही होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि ग्रहण के दौरान चांद की ग्रैविटेशनल फोर्स बहुत ज्यादा हो जाती है। वहीं, ज्योतिषों की मानें तो चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। इसी वजह से उन्हें बेचैनी, पसीना आना और भावनात्मक रूप से कमजोर पड़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए होती है खाने से मनाही: कहा जाता है कि ग्रहण के बीच में लोगों को खाना खाने से बचना चाहिए। ऐसा केवल ज्योतिषीय दृष्टिकोण से नहीं कहते है बल्कि माना जाता है कि सेहत की दृष्टि से भी ये हानिकारक हो सकता है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान जो खगोलीय बदलाव होते हैं उस वजह से कई बैक्टीरिया ओवर एक्टिव हो जाते हैं। इस कारण खाने की क्वालिटी बुरे तरीके से प्रभावित होती है। साथ ही, माना जाता है कि ग्रहण खाने में मौजूद पोषक तत्वों पर भी असर डालता है, ऐसे में इस दौरान खाना बनाने से भी बचना चाहिए।

इसके अलावा, चंद्रग्रहण के दौरान पल्स रेट में कमी भी देखी जा सकती है। वहीं, कुछ लोगों को नींद आने में भी कठिनाई होती है।