Chandra Grahan July 2020: आषाढ़ माह के आखिरी दिन यानि कि 5 जुलाई को साल का तीसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। जब भी ग्रहण की बात आती है तो मन में कई तरह के सवाल भी पैदा होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरू से ही लोगों को ये बात बतायी जाती है कि ग्रहण के दौरान न तो कुछ खाना-पीना चाहिए और न ही ग्रहण का खुली आंखों से दीदार करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। केवल ज्योतिष ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि चंद्र ग्रहण व सूर्य ग्रहण का सेहत पर भी असर पड़ता है। हालांकि, सूर्य ग्रहण की तुलना में चंद्र ग्रहण स्वास्थ्य पर कम असरदायक होता है। आइए जानते हैं कि ग्रहण कैसे करता है किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित, साथ ही क्या हैं बचाव के उपाय-
खुली आंखों से देख सकते हैं ग्रहण: चंद्र ग्रहण को लेकर अक्सर लोग ये सोचते हैं कि नग्न आंखों से वो इस अद्भुत खगोलीय घटना की झलक नहीं पा सकते। हालांकि, वैज्ञानिकों के अनुसार सूर्य ग्रहण के इतर चंद्र ग्रहण को नग्न आंखों से देखा जा सकता है। इससे आंखों को किसी प्रकार के नुकसान होने की संभावना नहीं रहती। चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी भी तरह के प्रोटेक्टिव फिल्टर्स की जरूरत नहीं पड़ती है। इसे आंखों पर बिना कोई चश्मा, एक्स-रे या आई प्रोटेक्टिव केयर का इस्तेमाल किए भी देखा जा सकता है।
सेहत ऐसे हो सकती है प्रभावित: माना जाता है कि ग्रहण के दौरान पल्स रेट प्रभावित होती हैं। लेकिन इसका असर बहुत छोटा होता है जिस कारण हमारा शरीर इस बदलाव को महसूस नहीं कर पाता है। वहीं, इस दौरान कई लोगों को नींद नहीं आने की शिकायत भी होती है। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को भी ग्रहण के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण और गर्भवती महिलाएं: मान्यता है कि ग्रहण के दौरान चांद का गुरुत्वाकर्षण बहुत अधिक रहता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ज्योतिषों के अनुसार चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। इसी वजह से उन्हें बेचैनी, पसीना आना और भावनात्मक रूप से कमजोर पड़ने जैसी चीजें हो सकती हैं। हालांकि, डॉक्टर्स के अनुसार चंद्र ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को 2 से 3 घंटे से अधिक भूखे नहीं रहना चाहिए।
ग्रहण के दौरान खानपान: ग्रहण के दौरान खानपान की मनाही इसलिए भी होती है क्योंकि माना जाता है कि ग्रहण के समय में खाना दूषित हो जाता है। ग्रहण के दौरान जो खगोलीय बदलाव होते हैं उसके कारण कई बैक्टीरिया अधिक सक्रिय हो जाते हैं जिसके कारण खाने की गुणवत्ता कम हो जाती है। माना जाता है कि ग्रहण पोषक तत्वों को प्रभावित कर सकता है, इस दौरान खाना पकाने से भी मनाही होती है।