सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जिससे हमारे देश में हर 7 मिनट में एक महिला की मौत होती है। हर साल 67,000 महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से होती है। इस बीमारी से बचाव करना 100% तक मुमकिन है। ऐसा कोई कैंसर नहीं है जिससे  100% तक बचाव किया जा सके। सौ फीसदी इस कैंसर से बचाव संभव है फिर भी हमारे देश में इस कैंसर से जितनी मौतें होती है उतनी किसी कैंसर से नहीं होती। 

मेदांता हॉस्पिटल गुरुग्राम में स्त्री रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग संबंधी एंडोस्कोपिस्ट डॉक्टर सभ्यता गुप्ता ने बताया सर्वाइकल कैंसर यानी बच्चेदानी के मुंह का कैंसर है। इस कैंसर का शुरुआती दौर में पता चल जाए तो आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है लेकिन मरीज बेहद एडवांस स्टेज में डॉक्टर के पास आता है तब तक बीमारी बढ़ चुकी होती है।

इस कैंसर के प्रति महिलाओं में जागरूकता नहीं जिसकी वजह से भारत में हर साल 1 लाख 2700 नए मामले सामने आते हैं। इस बीमारी के फैलने का कारण महिलाओं में जागरुकता का अभाव है। अगर आप इस कैंसर की जांच 25 साल से 60 साल की उम्र के बीच हर 3 साल में करा लें तो आप इस बीमारी का शुरुआती दौर में पता लगा सकते हैं और मौत को मात दे सकते हैं।

सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है?  

सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण है। ये कैंसर cervix की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण होता है। इस बीमारी का पता शुरुआत में पता चल जाए तो आसानी से बीमारी से बचा जा सकता है। इस कैंसर के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे लंबे समय तक संक्रमण या सूजन होना,असुरक्षित यौन संबंध, HIV/AIDS, कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक स्टेरॉयड दवाओं का सेवन और धूम्रपान करने से इस कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इस कैंसर के लिए अनुवांशिक कारण भी जिम्मेदार हैं।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

शुरुआती चरण में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण नहीं दिखते लेकिन धीरे-धीरे इसके लक्षण दिखने लगते हैं।

  • वजाइना से अनियमित ब्लड डिस्चार्ज
  • सेक्स के बाद ब्लीडिंग होना
  • वजाइना से दुर्गंध आना
  • पेल्विक एरिया या पीठ में दर्द।
  • थकान, वजन घटाना और भूख कम लगना।
  • पेशाब में जलन या बार-बार पेशाब लगना।

सर्वाइकल कैंसर का पता कैसे लगाएं

सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए आप स्क्रीनिंग कराएं। 21 से 29 साल की उम्र में महिलाओं को हर 3 साल में पैप स्मियर टेस्ट कराना चाहिए।

इस बीमारी से बचाव कैसे करें

  • इस बीमारी से बचाव के लिए डाइट का ध्यान रखें। हेल्दी डाइट का सेवन करें।
  • इम्यूनिटी को मजबूत करें। इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए हेल्दी फूड को डाइट में शामिल करें।
  • स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं। टेस्ट ठीक रहे तो आप इस टेस्ट को 3 साल में दोबारा कराएं।
  • सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाएं।
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