खराब डाइट और बिगड़ती लाइफस्टाइल हमारी आंखों की रोशनी को धीरे-धीरे कमजोर करती रहती है। लंबे समय तक टीवी, मोबाइल और लैपटॉप की तेज रोशनी में रहने से आंखों पर लगातार दबाव पड़ता है, जिससे आंखों की थकान, सूखापन, जलन और धुंधलापन बढ़ने लगता है। डिजिटल स्क्रीन की नीली रोशनी रेटिना पर असर डालती है, जो समय के साथ दृष्टि कमजोर होने का कारण बन सकती है।
इसके अलावा नींद की कमी, पानी कम पीना, विटामिन A और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी भी आंखों की सेहत को तेजी से प्रभावित करती है। बढ़ते प्रदूषण, धूल-मिट्टी और एलर्जी के कारण भी आंखों में इन्फ्लेमेशन बढ़ सकता है, जिससे रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। अगर रोजाना आंखों की देखभाल न की जाए तो ये समस्याएं आगे चलकर ड्राई आई सिंड्रोम, नाइट विज़न कम होना और उम्र से पहले चश्मे का नंबर बढ़ने जैसी स्थितियों को जन्म दे सकती हैं।
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि हेल्दी डाइट में विटामिन A, ल्यूटिन, ज़ेक्सैंथिन, विटामिन C, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट शामिल करें। साथ ही हर 20 मिनट में 20 सेकंड का स्क्रीन ब्रेक लें, पर्याप्त नींद लें, सूरज की तेज रोशनी में सनग्लास पहनें और नियमित रूप से आंखों की एक्सरसाइज करें। इन आदतों से आंखों पर दबाव कम होता है और दृष्टि लंबे समय तक स्वस्थ बनी रहती है।
सर्दियों में बाजार में गाजर खूब मिलती है ये आंखों की रोशनी को सुरक्षित रखने और उसे बेहतर बनाने में भी बेहद असरदार है। कई शोध बताते हैं कि गाजर में मौजूद बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन आंखों को बाहरी नुकसान से बचाते हैं और उम्र के साथ होने वाली कई गंभीर समस्याओं के जोखिम को कम करते हैं। हेल्थ यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार, बीटा-कैरोटीन शरीर में जाकर विटामिन A में परिवर्तित होता है, जो रेटिना के सही फंक्शन, नाइट विजन और आंखों की कोशिकाओं की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि गाजर और अदरक का जूस कैसे आंखों की रोशनी को बढ़ाने में असरदार साबित होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ यूटा की रिसर्च से जानिए गाजर कैसे आंखों के लिए हेल्दी हैं?
रिपोर्ट के मुताबिक, विटामिन A की कमी आंखों की रोशनी कमजोर कर सकती है और गंभीर स्थिति में नाइट ब्लाइंडनेस और पूरी तरह से दृष्टि हानि का कारण भी बन सकती है। गाजर में मौजूद बीटा-कैरोटीन इस कमी को नेचुरल तरीके से पूरा करता है, जिससे आंखों की कार्यक्षमता बेहतर होती है। यह रेटिना में मौजूद रोडोप्सिन नामक प्रोटीन को मजबूत करती है, जो कम रोशनी में देखने की क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि रोजाना गाजर का सेवन नाइट विज़न को सुधार सकता है और आंखों की रोशनी को बढ़ा सकता है।
गाजर में ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट आंखों को हानिकारक ब्लू लाइट और सूरज की यूवी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। ल्यूटिन आंखों के मैक्युला क्षेत्र में जमा होकर उसे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और लाइट डैमेज से बचाता है। सिर्फ इतना ही नहीं, गाजर में विटामिन C, विटामिन K और पोटैशियम भी पाया जाता है, जो आंखों की रक्त वाहिकाओं को मजबूत करता है। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन आंखों को पोषण पहुंचाता है और ड्राई आइज़ की समस्या से राहत दिलाता है। गाजर में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आंखों में हल्की जलन, लालपन और एलर्जी के लक्षणों को भी कम कर सकते हैं।
विशेषज्ञ कहते हैं कि नियमित रूप से सलाद, जूस या सूप के रूप में गाजर का सेवन आंखों को नेचुरल सुरक्षा कवच देता है। वहीं अदरक को इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है, और यह मौसमी संक्रमण जैसे कंजक्टिवाइटिस से बचाव में मदद कर सकती है। इम्यून सिस्टम मजबूत होने पर आंखों में बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। गाजर सिर्फ एक सब्जी नहीं बल्कि आंखों की सेहत के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बच्चे, बुजुर्ग और स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने वाले लोग रोजाना भोजन में गाजर को जरूर शामिल करें, ताकि आंखों की रोशनी लंबे समय तक सुरक्षित रहे और उम्र से जुड़ी समस्याओं का जोखिम कम हो।
गाजर में मौजूद विटामिन A कैसे आंखों के टियर फिल्म को हेल्दी रखता है।
गाजर में मौजूद विटामिन A आंखों को सूखने से बचाता है। इसका सेवन करने से आंखों की खुजली, जलन, लालपन जैसी समस्याएं कम होती हैं। गाजर में विटामिन C, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। ये आंखों की छोटी रक्त वाहिकाओं की सूजन कम करते हैं और बेहतर रक्त प्रवाह बनाए रखते हैं। इससे आंखों को सही पोषण मिलता है और आंखों से साफ-साफ दिखाई देता है। आंखों को हेल्दी रखने के लिए आप सर्दी में गाजर के जूस के साथ अदरक का रस मिलाकर पिएं।
6-7 तुलसी के पत्ते पानी में उबालें और कर लें दिन में 2 बार गरारा, बलगम हो जाएगा साफ और गले के इंफेक्शन से होगी राहत, फायदे जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
