Tips for Stroke Patients: भारत में दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत की आबादी में से 4.5 करोड़ लोग दिल की बीमारी से पीड़ित हैं। इस लिहाज से भारत में हृदय रोगियों की संख्या दुनिया में सर्वाधिक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुमान के मुताबिक साल 2030 तक 4 प्रतिशत व्यस्क स्ट्रोक की चपेट में होंगे। ब्रेन के किसी भाग में रक्त की आपूर्ति बाधित होने या गंभीर रूप से कम होने के कारण स्ट्रोक होता है।
दुनिया का हर छठा व्यक्ति कभी न कभी ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हुआ है और 60 से ऊपर की उम्र के लोगों में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण ब्रेन स्ट्रोक है। हालांकि, ‘मेडिकल न्यूज टुडे’ में छपी एक खबर के अनुसार शाकाहारी भोजन करने से स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है सच्चाई-
क्या कहते हैं शोध: ताइवान में हुए एक शोध जिसमें 13 हजार से भी अधिक लोगों को शामिल किया गया था। शामिल लोगों की औसत उम्र 50 वर्ष बताई गई जो वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन डाइट के आधार पर बांटे गए। शाकाहारी भोजन खाने वाले लोगों के डाइट में सब्जियां, नट्स और सोया की मात्रा अधिक थी जबकि मांसाहारी भोजन करने वाले लोगों ने डेयरी और फैट प्रॉडक्ट्स का ज्यादा सेवन किया। शोध के मुख्य लेखक डॉ. चिन लॉन लिन के मुताबिक इस शोध से पता चलता है कि वेजिटेरियन डाइट खाना फायदेमंद साबित होता है। साथ ही, इसे खाने से स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है। शोध के अनुसार, मांसाहारी भोजन करने वालों की तुलना में शाकाहारियों में स्ट्रोक का खतरा 48 प्रतिशत तक कम होता है।
ये हैं स्ट्रोक के लक्षण: स्ट्रोक के कई प्रकार होते हैं जिनमें से एम्बॉलिक स्ट्रोक, इस्कीमिक स्ट्रोक और हेमोरेजिक स्ट्रोक प्रमुख है। हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और अत्यधिक मोटापा से जूझ रहे लोगों को स्ट्रोक का खतरा होता है। ऐसे में इस बीमारी के लक्षण जानना बहुत जरूरी है। चेहरे, हाथ या पैर के सून्न पड़ जाने पर या फिर कमजोरी महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें। धुंधला दिखने या फिर दिखने में परेशानी भी स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है। स्ट्रोक के लक्षणों में से एक है सिर दर्द, उल्टी, चक्कर या बेहोशी छाना। स्ट्रोक के कई पेशेंट्स को बोलने या चलने में लड़खड़ाहट का सामना करना पड़ सकता है।
इन बातों का रखें ख्याल: यदि किसी व्यक्ति का चेहरा एक तरफ से टेढ़ा होने लगे और उसे बोलने में दिक्कत हो तो उस व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा मुस्कुराना चाहिए ताकि चेहरे की मांसपेशियों की कसरत हो। अगर एक हाथ कमजोर या सुन्न लगे तो उपचार मिलने से पहले उसे ऊपर नीचे करने की कोशिश करें. उन्होंने बताया कि यदि बोलने में दिक्कत हो तो ऐसे व्यक्ति किसी एक वाक्य को बार बार दोहराएं और उसका सही उच्चारण करने की कोशिश करें

